रोहतक : पीजीआईएमएस रोहतक के समुदाय चिकित्सा विभाग ने विश्व रेबीज़ दिवस के उपलक्ष्य में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार पखवाड़ा” के अंतर्गत आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ. एस.के. सिंघल ने की। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. नीलम कुमार, यूनिट-2 की यूनिट हेड डॉ. मीना राजपूत, डॉ रमेश वर्मा सहित कई अन्य वरिष्ठ डॉक्टर उपस्थित रहे। मंच का संचालन प्रोफेसर डॉ वरुण अरोड़ा ने किया।
वक्ताओं ने रेबीज़ से बचाव एवं जागरूकता पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. रमेश वर्मा ने कहा कि कुत्ते/जानवर के काटने या खरोंचने पर घाव को तुरंत बहते पानी से धोना चाहिए तथा किसी भी तरह का इरिटेट (मिर्च, मिट्टी, तेल आदि) घाव पर नहीं लगाना चाहिए।
डॉ. मीना राजपूत ने रेबीज़ से होने वाली मृत्यु दर पर प्रकाश डालते हुए जागरूकता को अत्यंत आवश्यक बताया। डॉ. नीलम कुमार ने जनता में समय पर कार्रवाई करने, टीकों की पूरी खुराक लेने तथा अनुपालन के महत्व को दोहराया।
निदेशक डॉ. एस.के. सिंघल ने कहा कि चूँकि रेबीज़ रोग का कोई निश्चित ऊष्मायन काल नहीं होता, इसलिए शीघ्र कार्रवाई ही जीवन बचा सकती है।
डॉ. वरुण अरोड़ा ने इस वर्ष की थीम ” एक्ट नाओ: यू, मी एवं कम्युनिटी ” पर बल दिया और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता बताई।
डॉ वरुण अरोड़ा ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में रेबीज़ जैसी घातक किंतु पूर्णतः रोकथाम योग्य बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना था।
इस अवसर पर डॉक्टर मीनाक्षी कालहान,डॉ विनोद चायल डॉक्टर राजकुमार, डॉक्टर अनुज ,डॉक्टर विनय ,विभाग के एसआर, पीजी छात्र व एमबीबीएस स्नातक विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।