World Environment Day: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर सिंदूर का पौधा लगाया।
बता दें कि यह पौधा उन्हें गुजरात के कच्छ की उन वीरांगना माताओं और बहनों ने उपहार स्वरूप भेंट किया था, जिन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अदम्य साहस और देशभक्ति का परिचय दिया था।
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान में भाग लिया और दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली उद्यान में एक पौधा लगाकर ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल को आगे बढ़ाते हुए इस अभियान को और व्यापक बनाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, सीएम रेखा गुप्ता और दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा उपस्थित थे।

इस अवसर पर मोदी ने अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के अंतर्गत अरावली पर्वत श्रृंखला में पुनः वनरोपण के महत्व का भी उल्लेख किया। मोदी ने कहा कि अरावली पर्वतमाला और उसके बाहर, पारंपरिक पौधरोपण विधियों के अलावा, हम नई तकनीकों को प्रोत्साहित करेंगे, विशेष रूप से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जहां जगह की कमी है। श्री मोदी ने कहा कि पौधरोपण गतिविधियों को जियो-टैग किया जाएगा और मेरी लाइफ पोर्टल पर उनकी निगरानी की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने और पृथ्वी के हरित आवरण को बढ़ाने में योगदान देने का आग्रह भी किया।
प्रधानमंत्री ने कहा X पर अपने पोस्ट में लिखा- “आज, विश्व पर्यावरण दिवस पर, हमने एक विशेष वृक्षारोपण अभियान के साथ एक पेड़ मां के नाम पहल को मजबूत किया। मैंने दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली उद्यान में एक पौधा लगाया। यह अरावली पर्वतमाला को फिर से वनीकरण करने के हमारे प्रयास- अरावली ग्रीन वॉल परियोजना का एक हिस्सा भी है।”
“यह सर्वविदित है कि अरावली पर्वत श्रृंखला हमारी पृथ्वी पर सबसे पुरानी पर्वतमालाओं में से एक है, जिसमें गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली शामिल हैं। पिछले कई वर्षों में इस पर्वतमाला से संबंधित कई पर्यावरणीय चुनौतियाँ सामने आई हैं, जिन्हें कम करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हमारा ध्यान इस पर्वतमाला से जुड़े क्षेत्रों का कायाकल्प करने पर है। हम संबंधित स्थानीय प्रशासनों के साथ मिलकर कार्य करने जा रहे हैं और इसके अंतर्गत जल प्रणालियों में सुधार, धूल भरी आंधियों पर अंकुश लगाने, थार रेगिस्तान के पूर्व की ओर विस्तार को रोकने आदि जैसी मुद्दों पर बल देने जा रहे हैं।”
“अरावली पर्वतमाला और उसके बाहर, पारंपरिक पौधरोपण विधियों के अलावा, हम नई तकनीकों को प्रोत्साहित करेंगे, विशेष रूप से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, जहां जगह की कमी है। पौधरोपण गतिविधियों को जियो-टैग किया जाएगा और मेरी लाइफ पोर्टल पर उनकी निगरानी की जाएगी। मैं अपने देश के युवाओं से इस आंदोलन में भाग लेने और हमारी पृथ्वी के हरित आवरण में योगदान देने का आह्वान करता हूं।