Wednesday, December 17, 2025
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Republic Day पर क्यों दी जाती है 21 तोपों की सलामी और क्यों नहीं होता इससे कोई नुकसान? आइए जानते हैं

Republic Day : गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन होने वाली इस परेड के दौरान एक मौका ऐसा भी होता है जब 21 तोपों की सलामी देखने को मिलती है। क्या आपने कभी सोचा है जो तोप के गोले दुश्मन के परखच्चे उड़ा देती है उन्हीं तोपों से सलामी क्यों दी जाती है, और इन तोप के गोलों से किसी को नुकसान क्यों नहीं होता? चलिए हम आपको बताते हैं।

150 साल पुरानी है परंपरा

अंग्रेजों की जमाने से चली आ रही ये परंपरा करीब 150 साल पुरानी है। वैसे तो भारत में पहली गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन संविधान लागू होने के साथ ही 26 जनवरी 1950 को हुआ था। इसके साथ ही पहली बार परेड का आयोजन किया गया था। हालांकि, इसके पहले भी ब्रिटिश राज में शाही परेड का आयोजन किया जाता था।

स्वाधीनता के बाद इसे जारी रखने का निर्णय लिया गया और पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के शपथ लेने के साथ ही ये गणतंत्र दिवस परेड के रूप में परिवर्तित हो गई। तब से हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रगान की धुन के साथ 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इस बार भी 26 जनवरी के मौके पर इस परंपरा को निभाया जाएगा और तोपों की गड़गड़ाहट गणतंत्र दिवस के जश्न में चार चांद लगा देगी।

मेरठ के जवान देते हैं सलामी

21 तोपों की सलामी हमेशा उत्तर प्रदेश मेरठ के जवान ही देते हैं। दरअसल, ये सलामी 1721 फील्ड बैटरी के जवान ही देते हैं, जिसका मुख्यालय मेरठ में है। इस दस्ते में 122 जवान होते हैं, जो गणतंत्र दिवस जैसे खास मौकों पर 21 तोपों की सलामी देते हैं।

7 तोपों से दी जाती है सलामी

21 तोपों की सलामी देने के लिए केवल सात तोपों का इस्तेमाल किया जाता है। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि 21 तोपों की जो सलामी दी जाती है, उसमें गोले तो 21 ही दागे जाते हैं पर तोपें केवल सात होती हैं, एक और तोप होती है, जो रिजर्व में रहती है। यानी सलामी के वक्त कुल आठ तोपें मौजूद रहती हैं।

गोलो से नुकसान क्यों नहीं होता?

हर तोप से एक साथ एक निश्चित अंतराल पर तीन गोले दागे जाते हैं। राष्ट्रगान की धुन के साथ शुरू होता है और उसी पर खत्म होता है। यानी हर गोला 2.25 सेकेंड में दागा जाता है और पूरी सलामी प्रक्रिया 52 सेकेंड में राष्ट्रगान के साथ खत्म हो जाती है।

इस सलामी के लिए जिन गोलों का इस्तेमाल होता है, वे खास समारोह के लिए तैयार किए जाते हैं। इस गोलों से कोई नुकसान नहीं होता, सिर्फ धुआं निकलता है और तोप की तेज आवाज सुनाई देती है।

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