पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने आज सीमावर्ती जिलों का अपना चार दिवसीय दौरा शुरू करते हुए कहा है कि राज्य के 6 सीमावर्ती जिलों में ग्राम सुरक्षा समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने इन समितियों द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में जन जागरूकता में निभाई जा रही भूमिका की सराहना की और कहा कि प्रत्येक समिति के सदस्य सीधे राजभवन के संपर्क में रहेंगे ताकि वे सीमावर्ती क्षेत्रों की समस्याओं और क्षमताओं को बेहतर तरीके से जान सकें।
भारत-पाकिस्तान सीमा के ठीक बगल में स्थित जोधा भैनी में जिले की ग्राम सुरक्षा समितियों के सदस्यों को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारियां ने समिति के सदस्यों को राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ लामबंद होने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि सुरक्षा समितियों की माह में कम से कम एक बैठक अवश्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक ग्राम सुरक्षा समिति के लिए एक अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि पड़ोसी देश को अब एहसास हो गया है कि उसके पास भारत का मुकाबला करने की क्षमता नहीं है, इसलिए वह साहसिक कदम उठा रहा है और ड्रोन के जरिए ड्रग्स भेजने की कोशिश कर रहा है उन्होंने कहा कि ग्राम सुरक्षा समितियां ऐसे बुरे तत्वों के खिलाफ जागरूकता का काम करती हैं, साथ ही ये समितियां पुलिस और बीएसएफ को बुरे तत्वों के बारे में जानकारी भी मुहैया कराती हैं।
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उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी देने वाले लोगों को उचित सम्मान दिया जाएगा. उन्होंने नशे जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ संयुक्त प्रयास का आह्वान करते हुए कहा कि पूरा समाज मिलकर काम करेगा तो हम हर लड़ाई जीतेंगे। इस अवसर पर उन्होंने गांवों में युवाओं को विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया।
इससे पहले जलालाबाद के विधायक श्री जगदीप कंबोज गोल्डी, अबोहर के विधायक श्री संदीप जाखड़ ने भी संबोधित किया और ग्राम सुरक्षा समितियों के सदस्यों ने भी राज्यपाल के समक्ष अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्रधान सचिव श्री वीके मीना, राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री के शिव प्रसाद, आयुक्त श्री अरुण सेखरी, डीआइजी रंजीत सिंह ढिल्लों, उपायुक्त अमरप्रीत कौर संधू, एसएसपी श्री वरिंदर सिंह बराड़, बीएसएफ कमांडेंट रवि रंजन भी मौजूद थे।