चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने प्रदेशभर में अर्ध-न्यायिक निकायों के रूप में कार्यरत आयोगों व प्राधिकरणों की कार्यवाही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conference) सुविधा अपनाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी संबंधित प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को लिखे एक पत्र में कहा कि न्याय प्रशासन विभाग ने नामित कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं की स्थापना को अधिसूचित किया है। इन सुविधाओं का उपयोग अब अर्ध-न्यायिक निकायों के तौर पर कार्यरत सभी आयोगों और प्राधिकरणों की कार्यवाही में सरकारी अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थिति के लिए किया जाएगा।
यह कदम नव अधिनियमित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के प्रावधानों के अनुरूप है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 336 के तहत कुछ मामलों में लोक सेवकों, विशेषज्ञों, पुलिस अधिकारियों के साक्ष्य और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 530 के तहत जांच और कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक मोड में की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने “उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य बनाम सर्वोच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों का संघ और अन्य” शीर्षक से विशेष अनुमति याचिका (सी) संख्या 8575-8576 ऑफ 2023 की सिविल अपील संख्या 23-24 ऑफ 2024 में, एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है। यह भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति को बढ़ावा देती है।
पत्र में आगे कहा गया है कि हरियाणा मानवाधिकार आयोग, हरियाणा राज्य महिला आयोग, हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग, हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग, हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग, राज्य सूचना आयोग, हरियाणा और राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण, हरियाणा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं का उपयोग किया जाना चाहिए।
राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों को इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके कार्यान्वयन में किसी भी तरह की चूक या ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा।