Unique Laughing Tree: उत्तराखंड के रामनगर और कालाढूंगी के जंगलों में पाया जाने वाला थनैला पेड़ (Rendia Dumetorum) अपनी अनोखी विशेषताओं और औषधीय गुणों के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है। यह पेड़ छूने पर हिलने लगता है, जो इसे पर्यटकों और वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाता है।
थनैला पेड़ का अनोखा गुण Unique Laughing Tree
थनैला पेड़ की सबसे खास बात यह है कि इसे छूने या हल्का गुदगुदाने पर इसकी शाखाएं और पत्तियां हिलने लगती हैं। यह हर किसी को चमत्कार जैसा अनुभव कराता है। हालांकि, यह रहस्यमय गुण प्राकृतिक प्रक्रिया का हिस्सा है, जो इसे वनस्पति विज्ञान में एक खास स्थान दिलाता है।
औषधीय गुण और स्थानीय उपयोग Unique Laughing Tree
इसके अलावा, यह पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर है। इसे दमा, सर्दी, और जलन जैसी बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता है। इतना ही नहीं, दुधारू पशुओं के थनों में गांठ या सूजन जैसी समस्याओं के लिए इसकी पत्तियां बेहद उपयोगी मानी जाती हैं। स्थानीय लोग इसे चारे के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं।
पर्यटकों के लिए आकर्षण Unique Laughing Tree
इस बीच, थनैला पेड़ का अनोखा गुण इसे पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाता है। लोग इसे देखने और अनुभव करने के लिए खासतौर पर रामनगर और कालाढूंगी के जंगलों का रुख करते हैं। यह पेड़ मुख्य रूप से 300 से 1300 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इसके फल, जो दिसंबर और जनवरी के बीच लगते हैं, इसे और भी खास बनाते हैं।
स्थानीय नाम और सांस्कृतिक महत्व
थनैला पेड़ को स्थानीय लोग मेनफल, राधा, और मदनफल जैसे नामों से जानते हैं। यह न केवल उनकी संस्कृति का हिस्सा है, बल्कि उनके दैनिक जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जबकि यह पेड़ आम लोगों के लिए एक प्राकृतिक रहस्य है, वैज्ञानिक इसे वनस्पति विज्ञान में अनोखा मानते हैं। इसकी शाखाओं का हिलना कई अध्ययनों का विषय रहा है। इसके औषधीय और पारिस्थितिक गुण इसे और भी मूल्यवान बनाते हैं।