केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने बुधवार को जिला सोनीपत के गांव पांची गुजरान स्थित दिल्ली इंटरनेशनल कार्गाे टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड (डीआईसीटी) में पहुचंकर एनर्जी इन मोशन कंपनी द्वारा बनाए गए भारत के पहले वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी स्वैपिंग एवं चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ केन्द्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी भी मौजूद रहे।
इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने एनर्जी इन मोशन कंपनी द्वारा की गई इस पहल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि भारत के लगभग 25 लाख करोड़ रुपए बाहरी देशों से इंधन खरीदने में खर्च हो जाते है। अगर हम वैकल्पिक ऊर्जा से इस रुपए की बचत करेंगे तो यह रूपया भारत के विकास में खर्च होगा और हम विकसित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में और अधिक तेजी से आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि देश की लॉजिस्टिक कास्ट को कम करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2026 तक इसे सिंगल डिजिट (9 प्रतिशत से कम) तक लाना है। इसके लिए हाईवे नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा रहा है, जलमार्गों, रेल और सडक़ परिवहन के समन्वय से मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक कास्ट कम होने से न केवल व्यापारियों और उद्योगपतियों को लाभ मिलेगा, बल्कि किसानों को भी उनके उत्पादों के परिवहन में कम लागत का फायदा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि भारत को अगले कुछ वर्षों में ग्रीन एनर्जी हब के रूप में स्थापित किया जाए। इसी कड़ी में कृषि आधारित ऊर्जा उत्पादन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। हाल ही में सरकार ने मक्का से एथोनॉल बनाने की अनुमति प्रदान की थी, जिसका परिणाम ये रहा कि बाजार में मक्का की डिमांड बढ़ गई और आज मक्के के दाम जहां पहले 1200 रुपए प्रति क्विंटल थे वे बढक़र 2800 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गए।
’किसानों और गांवों की समृद्धि से ही भारत बनेगा आत्मनिर्भर’
गड़करी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार का लक्ष्य किसानों को अन्नदाता के साथ-साथ ऊर्जादाता बनाना है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की असली शक्ति गांव और किसान में निहित है। अगर गांव समृद्ध होगा तो भारत अपने आप आत्मनिर्भर बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि आधारित उद्योगों, जैव ईंधन उत्पादन और वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्रों को नई दिशा दे रही है। उन्होंने बताया कि देशभर में एथेनॉल, बायो-सीएनजी, बायो-एलएनजी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य चल रहा है, जिससे किसानों को ऊर्जा उत्पादन का प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि गन्ना, धान पराली और अन्य फसल अवशेषों से बायो-फ्यूल तैयार करने की योजना लागू की जा रही है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि पराली जलाने जैसी समस्याओं का भी समाधान होगा।
दुनिया का भविष्य डीजल-पेट्रोल की बजाय बायोफ्यूल ईंधन का है : कुमारस्वामी
कार्यक्रम में केन्द्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने के संकल्प के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। देश में आज के समय भी रेल के साथ-साथ भारी समान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए भारी वाहनों की भागीदारी सबसे ज्यादा है। इसलिए अगर नई तकनीकों की मदद से ऐसे भारी वाहनों का निर्माण करें जो डीजल से नहीं बायो फ्यूल से चलते तो इससे लॉजिस्टिक कास्ट में तो कमी आएगी ही बल्कि प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी। उन्होंने का कहा कि दुनिया का भविष्य डीजल-पेट्रोल की बजाय बायोफ्यूल ईंधन का है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना को लागू किया, जिसका उद्देश्य विभिन्न श्रेणियों में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में तेजी लाना, मजबूत ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे का निर्माण करना और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप एक मजबूत घरेलू ईवी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है।