रोहतक : विद्यार्थियों के सीखने की पुनर्कल्पना अवधारणा को लेकर रोहतक के उपायुक्त सचिन गुप्ता ने नवाचार शिक्षा परिवर्तन कार्यक्रम को लागू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस अवधारणा का उद्देश्य जिला में ऐसे स्कूलों का निर्माण करना है, जहां नवाचार, कौशल, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, लैंगिक सशक्तिकरण, शिक्षक नेतृत्व और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि नवाचार शिक्षा परिवर्तन के जरिए सरकारी स्कूलों को सीखने की दृष्टिकोण से तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सभी पहलुओं को चरणबद्ध और मिशन मोड में लागू करने की योजना तैयार की गई है। सचिन गुप्ता ने कहा कि कार्य योजना के तहत विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में एक ऐसा स्थान प्रदान किया जाएगा, जहाँ छात्र आराम से और बिना किसी डर के सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन नई पहलों को लागू करने में शिक्षा विभाग, जिला शिक्षा टीम, स्थानीय उद्योगों, पूर्व विद्यार्थियों और समुदाय की विशेष भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास है कि रोहतक जिले को 21वीं सदी के शिक्षा मॉडल के रूप में स्थापित किया जा सके।
सचिन गुप्ता ने कहा कि नई पहल के तहत अलग-अलग बिंदुओं को लेकर कार्य किया जाएगा। इनमें उड़ान बिंदु का जिक्र करते हुए उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि इसके तहत बाल विज्ञान एवं नवाचार क्लब स्थापित किया जाएगा। उड़ान के तहत वैज्ञानिक जिज्ञासा और समस्या-समाधान क्षमता विकसित करने के लिए कक्षा 6 से 12 तक प्रत्येक विद्यालय में उड़ान क्लब स्थापित किए जाएंगे।
इन क्लबों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को कम लागत वाले विज्ञान प्रयोग, रोबोटिक्स किट, मॉडल निर्माण और वेस्ट मटेरियल से नवाचार करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष रोहतक यंग इनोवेटर्स फेयर आयोजित किए जाएंगे, जिसमें विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए विज्ञान, प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) और स्थानीय नवाचार आधारित प्रोजेक्ट जैसे जल संरक्षण, सौर ऊर्जा व पर्यावरणीय तकनीकें प्रदर्शित की जाएगी।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि इसी प्रकार से व्यावहारिक एवं व्यावसायिक कौशल विकसित करने के लिए हुनर शाला स्किल लैब विद्यालयों में स्थापित की जाएगी। इन लैब में विद्यार्थी बेसिक कोडिंग, बढई-गिरी, विद्युत कार्य, मिट्टी के बर्तन, बुनाई व रंगोली विज्ञान जैसे कौशल सीख सकेंगे। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि इस पहल को रोहतक के स्थानीय आईटीआई संस्थानों और औद्योगिक इकाइयों के सहयोग से लागू किया जाएगा, जिसमें एक्सपोजर विजिट, डेमो क्लास और स्किल इंटर्नशिप शामिल होंगी।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त पहल हमारी उस दृष्टि को प्रतिबंधित करती है जिसके तहत हम रोहतक के स्कूलों को जीवंत, कौशल समृद्धि और भविष्य के लिए तैयार बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल पाठ्य पुस्तकों को तक सीमित नहीं रहनी चाहिए बल्कि यह बच्चों को नवाचार करने, नेतृत्व विकसित करने और समाज के प्रति योगदान देने के लिए सक्षम भी बनानी होगी।