रोहतक। रोहतक जिले के दो युवकों को पानीपत जिला सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों युवकों को तीन हत्याओं में दोषी पाया गया है। पानीपत में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुदेश कुमार शर्मा की अदालत ने सनौली रोड पर कामगार हरिनारायण हत्याकांड में रोहतक जिले के सांपला क्षेत्र के गांव कलावड़ के लकड़ी कारोबारी के बेटे समेत दो दोषियों आशीष और सोनू को हत्या के जुर्म में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर दोषियों को 1 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। दोषियों ने 26 से 28 सितंबर की रात में तीन हत्या की थी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई चल रही थी। कोई चश्मदीद गवाह न होने पर घटनास्थल से बरामद मिट्टी और आधा गमछा और बनियान अहम सबूत रहे।
जिला न्यायवादी राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि किला थाना पुलिस ने 29 सितंबर 2020 को काशीगिरी मंदिर के पास सनौली रोड शिव चौक स्थित राज कॉलोनी निवासी हरिनारायण का शव बरामद किया था। उसके सिर से खून निकल रहा था और उसके गले में गमछा बंधा था। पुलिस को पोस्टमार्टम में पता चला कि हरिनारायण की सिर में चोट मार व गला घोंटकर हत्या की गई है। पुलिस ने इसमें हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआईए-1 और 3 की संयुक्त टीम गठित की थी।
सीआइए-1 ने एक अक्तूबर को रोहतक के कलावड़ जिला निवासी आशीष और समालखा के आजाद नगर निवासी सोनू को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने पुलिस रिमांड में बताया कि वे दोनों 28 सितंबर को सनौली रोड पर खड़े थे। इस बीच हरिनारायण और राजेंद्र आ गए। उनके साथ शराब की बोतल खरीदने को लेकर झगड़ा हो गया। उन्होंने हरिनारायण के साथ मारपीट की और आधा गमछा फाड़कर उसकी गले में लपेटकर हत्या कर दी। राजेंद्र वहां से भाग गया। वह उनको सनौली रोड पर बैंक ऑफ बडौदा के पास मिला।
इसके बाद उन्होंने राजेंद्र की भी पीट-पीटकर व गमछे से गला घोंटकर हत्या कर दी। उन्होंने 26 सितंबर की रात को जीटी रोड पर गोशाला के पीछे दयाल कॉलोनी में एक व्यक्ति की मारपीट कर गला घोंटकर हत्या कर दी थी। वह भी उनके पास बैठकर शराब पीता था। तीनों हत्याओं में कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। जांच अधिकारी एसआई जयबीर ने हरनारायण के शव के पास खून से सनी मिट्टी बरामद की थी। इसके अलावा आरोपी आशीष से आधा गमछा, खून से सना बनियान व पायजामी बरामद की थी। जिनको लैब में भेजा गया था। जहां पर दोनों के खून सैंपल मैच हुए थे। एफएसएल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ये सबूत आरोपियों को दोषी करार देने में सिद्ध हुए।
आपको बता दें रोहतक जिले के गांव कलावड़ के आशीष के पिता का लकड़ी का कारोबार है। आशीष नशे का आदी था और उसकी लत से परेशान होकर उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। परिजनों ने उसे दो बार नशा केंद्र में भर्ती कराया था, लेकिन वह 28 अगस्त को भागकर पानीपत आ गया था। जहां उसकी समालखा के सोनू से मुलाकात हुई। सोनू भी नशे की लत से माता-पिता से झगड़ा कर पांच साल पहले पानीपत आकर रहने लगा था। वह संजय चौक पुल के नीचे साधु बनकर रहता था। वह दोनों रात को नशा करने लगे। यहां इनके साथ राजेंद्र, हरिनारायण और एक अन्य भी बैठता था। दोनों ने इन तीनों की हत्या कर दी थी। एक शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी।
पानीपत के किला थाना पुलिस को दी गई शिकायत में जय नारायण ने बताया था कि वह पानीपत में सनौली रोड पर राज कॉलोनी का रहने वाला है। वे चार भाई हैं। जिसमें तीसरे नंबर पर भाई हरि नारायण (35) था जो 28 सितंबर 2020 को मजदूरी के लिए घर से निकला। रात को वापस न आने पर उसकी तलाश शुरू की गई। तलाशी के दौरान उन्हें सूचना मिली कि रात को एक व्यक्ति का शव सनौली रोड पर एक इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान के सामने पड़ी है। सूचना मिलने के बाद वह शव की शिनाख्त करने के लिए सरकारी अस्पताल के शवगृह में पहुंचा। जहां उसने अपने भाई के शव को पहचान लिया। उस वक्त हत्या की वजह और हत्यारों का पता नहीं होने के चलते पुलिस ने अज्ञात पर केस दर्ज किया था।