Kedarnath Dham Yatra 2025: 2 मई को सुबह 7 बजे श्रद्धालुओं के लिए केदारनाथ धाम के कपाट खुल चुके हैं. मंदिर के पट खुलने के बाद अब 6 महीने तक श्रद्धालु यहां आकर बाबा के दर्शन कर सकेंगे. 30 अप्रैल, अक्षय तृतीया के दिन से ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे.
Kedarnath Dham Yatra 2025: वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खुले कपाट
शुक्रवार की सुबह 7 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बाबा केदारनाथ के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं. मंदिर में जयकारों और ढोल-नगाड़ों की आवाज से माहौल भक्तिमय हो गया. इस साल मंदिर को खास तरीके से सजाया गया है. ऋषिकेश, गुजरात से आई पुष्प समिति ने मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया है. बड़ी बात तो यह रही कि केदारनाथ के कपाट खुलने से पहले ही भक्त 1 मई की रात से ही बाबा के दर्शन करने के लिए कतार में खड़े हैं. यदि मौसम अच्छा रहा तो इस साल जून से अगस्त के बीच 25 लाख श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए आ सकते हैं.
केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए टोकन की व्यवस्था
केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन, पुलिस और पर्यटन विभाग ने मिलकर टोकन प्रणाली बनाई है. इस प्रणाली के अंतर्गत, हर घंटे में 1400 भक्तों को मंदिर में दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी. मंदिर के कपाट खुलने के समय से ही, संगम पर टोकन वितरण के लिए दस काउंटर स्थापित किए जायेंगे. टोकन लेने के बाद यात्री स्लॉट के अनुसार 15 मिनट पहले लाइन में लगेंगे. इस नई प्रणाली से यात्रियों को लम्बी लाइनों में इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
कपाट बंद होने के बाद 6 महीने तक जलता है दीया
केदारनाथ मंदिर के द्वार जब बंद होते है, तो वहां एक दीपक जला देते हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि ये दीया 6 महीने तक जलता रहता है. केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडव राजा जन्मेजय कराया था. बाद में क्षतिग्रस्त होने के पश्चात 8 वीं सदी में आदिगुरु भगवान शंकराचार्य ने इसका पुनर्निर्माण कराया गया.