Sunday, May 19, 2024
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4 दिन रोहतक निगम में नहीं होंगे ट्रिपल पी, प्रॉपर्टी टैक्स, डेवलपमेंट चार्ज, रेहड़ी लाइसेंस के काम, जाने वजह

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हड़ताल के दोनों दिन नगर निगम कार्यालय में सुबह सभी सफाई टेंडर में पेंच फंसने के बाद शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ी है। डस्टबीन फ्री शहर घोषित किए जाने के बावजूद दो दर्जन से अधिक डंपिंग साइट बन गई हैं। इसके अलावा पॉश एरिया से लेकर आउटर कॉलोनियों में खाली प्लाटों में कचरा जमा होने से आसपास के वातावरण में बदबू फैलने लगी।

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रोहतक। रोहतक निगम में अब ट्रिपल पी, प्रॉपर्टी टैक्स, डेवलपमेंट चार्ज, रेहड़ी लाइसेंस के काम सीधा सोमवार को होगा इसलिए लोगों के लिए सूचना है कि वे निगम में जाकर अपना समय खराब न करें। दरअसल नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर नगर निगम में क्लेरिकल स्टॉफ और सफाई कर्मचारियों की 14 व 15 दिसंबर यानि आज और कल पेन डाउन, टूल डाउन हड़ताल है।

ऐसे में जहां गुरुवार व शुक्रवार को अंबेडकर चौक स्थित नागरिक सुविधा केंद्र में ट्रिपल पी, प्रॉपर्टी टैक्स, डेवलपमेंट चार्ज, बिल्डिंग प्लान, रेहड़ी लाइसेंस, स्वामित्व योजना की फीस और ऑन लाइन ऑब्जेक्शन करने जैसे कार्य ठप रहेंगे। वहीं, अगले दो दिन शनिवार और रविवार को अवकाश रहने की वजह से आमजन के काम नहीं हो पाएंगे। वहीँ सफाई कर्मचारियों के काम नहीं करने से पहले से ही लगे कचरे के ढेर दो दिन में और बढ़ेंगे। इससे शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। हड़ताल के चलते निगम में कार्यालय संबंधी कार्य भी प्रभावित रहेगा।

नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश तुषामड जानकारी देते हुए

नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश तुषामड ने बुधवार को संघ कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में दो दिन हड़ताल के बाबत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारे आंदोलन के चलते सरकार से बात हुई थी। इसमें सरकार से समझौता हुआ था। इसके बाद सरकार ने इसे मानने से इन्कार कर दिया। इससे कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ रोष पनप रहा है। अपनी मांगों को लेकर की कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इसी कड़ी में 4, 5, 6 दिसंबर को हरियाणा की प्रत्येक इकाई में 24-24 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल की गई। अब 14 व 15 दिसंबर को नेन डाउन, टूल डाउन हड़ताल की घोषणा की गई है।

उन्होंने बताया कि सरकार कर्मचारियों की मांगो को पूरा करने के बारे में अब भी कोई कदम नहीं उठाती है तो संघ हड़ताल को और बढ़ा सकता है। संघ की मांग है कि गुरुग्राम नगर निगम से हटाए गए 3840 कर्मचारियों को वापस काम पर लेने तथा गत 20 नवंबर को प्रदेश सरकार की ओर से नो वर्क नो पे के आदेश को वापस लिया जाए। यदि हड़ताल के बाद भी सरकार ने मांगों की अनदेखी की तो संगठन की ओर से विचार-विमर्श करके आरपार के संघर्ष का ऐलान किया जाएगा।

इस दौरान नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान संजय बिड्लान ने बताया कि हड़ताल के दोनों दिन नगर निगम कार्यालय में सुबह सभी सफाई टेंडर में पेंच फंसने के बाद शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ी है। डस्टबीन फ्री शहर घोषित किए जाने के बावजूद दो दर्जन से अधिक डंपिंग साइट बन गई हैं। इसके अलावा पॉश एरिया से लेकर आउटर कॉलोनियों में खाली प्लाटों में कचरा जमा होने से आसपास के वातावरण में बदबू फैलने लगी। अब दो दिन की हड़ताल से यहां के हालात और बेकाबू हो जाएंगे। यह हड़ताल प्रदेशभर में रहेगी। इसमें अनुबंधित कर्मचारियों से भी शामिल होने का आह्वान किया गया है। सरकार निजीकरण पर जोर दे रही है। इस बारे में लोगों को भी अवगत कराया जाएगा। आमजन के लामबंद होने से व्यवस्था में सुधार की आस है।

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