गुस्ताखी माफ़ हरियाणा -पवन कुमार बंसल : नेताओ के चक्कर लगाने की बजाये मेहनत करे। हरियाणा का नौजवान नेताओं के पीछे चक्क्कर लगाता है और वही नेता चीफ मिनिस्टर बन परदेस का शोषण करता है। वैसे तो सरकारी नौकरिया बहुत कम है और जो है वो भी ‘बिन पर्ची -बिन खर्ची ‘ के दावों को छोड़ मेरिट पर नहीं मिलती। इसलिए नौजवान प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करे और वो भो केंद्र सरकार की।
क्योंकि हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन में तो आपको नागर मिलेंगे। अब चर्चा बिहारी नौजवान चाय वाले की। गुरुग्राम में मेरे निवास के बाहर एक अठारह वर्षीय बिहारी नौजवान अंकज सिंह चाय का ठेला लगाता है। बिहार के हाजीपुर इलाके से आया है। रोज सुबह दो किलोमीटर चाय का ठेला खींच कर लाता है और रात आठ बजे तक काम करता है। अदरक और इलायची डाल ऐसी गजब चाय दस रुपया प्रति कप बनाता है जो शायद पांच सितारा होटल में भी नहीं मिले।
मेरा मानना है की यदि मोदी साहब जी -२० के मेहमानों को वो चाय पिलाये तो वे टीचर्स को भूल जायेंगे। अच्छा गुजर बसर होता है और बिहार में अपने परिवार को भी पैसे भेजता है। हरियाणा का नौजवान इस तरह के काम नहीं करेगा। उसे तो सरकारी नौकरी चाहिए।
दुमछल्ला।
जिस मेहनत से बिहारी लोग गुरुग्राम में बसे है मेरा आकलन है की पंद्रह वर्ष बाद या तो गुरुग्राम का मेयर कोई बिहारी होगा या फिर बिहारी मेयर बनाने में किंग मेकर होंगे।