Saturday, May 18, 2024
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हरियाणा में सैकड़ों विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन पर लटकी तलवार, मामला जानकर रह जायेंगे हैरान

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सीबीआई की जांच के बाद हरियाणा के मुख्य सचिव की ओर से दिशा निर्देश जारी किए गए कि मध्य भारत ग्वालियर की 12वीं क्लास की मार्कशीट को किसी भी पंजीकरण के लिए स्वीकार ना किया जाए।

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चंडीगढ़। हरियाणा में सैकड़ों विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन पर तलवार लटक गई है क्योंकि मामला भी उतना ही गंभीर है। सीबीआई और स्टेट क्राइम ब्रांच हरियाणा की जांच में 298 विद्यार्थियों की 12वीं क्लास की मार्कशीट फर्जी पाई गई है। इन सभी विद्यार्थियों ने अपनी 12वीं क्लास की मार्कशीट के आधार पर पंजाब स्टेट टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड (पीएसबीटीई) से फार्मेसी में डिप्लोमा किया था।

इस डिप्लोमा के आधार पर सभी 298 विद्यार्थियों ने हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई किया, लेकिन अंकतालिकाओं के फर्जी होने की जानकारी के आधार पर फार्मेसी काउंसिल ने इन सभी विद्यार्थियों का पंजीकरण रोक दिया है। इससे विद्यार्थियों में आक्रोश है, लेकिन उनके आक्रोश को नजरअंदाज करते हुए फार्मेसी काउंसिल ने 27 अक्टूबर को काउंसिल की बैठक बुला ली है।

हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के पास करीब 700 और नये विद्यार्थियों ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है, जिन्होंने पंजाब स्टेट टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड से फार्मेसी में डिप्लोमा किया है। इन सभी को पंजीकरण से वंचित करने की तैयारी की जा चुकी है। 27 अक्टूबर को होने वाली फार्मेसी काउंसिल की बैठक में इन सभी 700 विद्यार्थियों को पंजीकरण से रोका जा सकता है। पूर्व के 298 और मौजूदा 700 विद्यार्थियों ने 12वीं की पढ़ाई टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड छत्तीसगढ़ के विद्यालय और मध्य भारत ग्वालियर से पास की दिखाई है।

सीबीआई ने मध्य भारत ग्वालियर से 12वीं की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की अंकतालिकाओं की जांच की, जबकि हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच ने टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड छत्तीसगढ़ के विद्यालय से पास आउट विद्यार्थियों की मार्कशीट्स की जांच की। जांच में दोनों एजेंसियों ने इन मार्कशीट्स को फर्जी पाया है। सीबीआई की जांच के बाद हरियाणा के मुख्य सचिव की ओर से दिशा निर्देश जारी किए गए कि मध्य भारत ग्वालियर की 12वीं क्लास की मार्कशीट को किसी भी पंजीकरण के लिए स्वीकार ना किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के विद्यालय द्वारा जारी मार्कशीट्स भी फर्जी हैं।

हरियाणा फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन धनेश अदलखा ने अपनी पूरी टीम से चर्चा करने के बाद ना केवल 298 विद्यार्थियों का पंजीकरण रोक दिया है, जबकि 700 नये विद्यार्थियों के पंजीकरण के आवेदनों पर विचार तथा चर्चा करने के लिए 27 अक्टूबर को काउंसिल की बैठक बुला ली है। सूत्रों के अनुसार, इन सभी 700 छात्रों ने 12वीं मध्य भारत ग्वालियर और छत्तीसगढ़ से पढ़ाई की है तथा पंजाब स्टेट टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड से फार्मेसी का डिप्लोमा किया है, जिसके आधार पर वह हरियाणा फार्मेसी काउंसिल में अपना पंजीकरण कराना चाह रहे हैं।

उम्मीद की जा रही है कि 27 अक्टूबर की बैठक में इन सभी आवेदनों की जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें पंजीकरण से इन्कार करते हुए रद किया जा सकता है। हरियाणा फार्मेसी काउंसिल ने उन सभी विद्यार्थियों के लिए एग्जिट एग्जाम देने का विकल्प दिया है, जिन्होंने फार्मेसी में डिप्लोमा किया है। उदाहरण के लिए यदि कोई विद्यार्थी फार्मेसी में डिप्लोमा करता है और उसने पंजीकरण के लिए हरियाणा फार्मेसी काउंसिल में आवेदन किया है तो ऐसे विद्यार्थियों के लिए उसी पाठ्यक्रम से एग्जिट परीक्षा होगी, जिसके आधार पर उन्होंने फार्मेसी का डिप्लोमा किया है।

यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के आधार पर होगी। यदि कोई विद्यार्थी हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल की ओर से ली जाने वाली एग्जिट परीक्षा पास कर लेता है तो उसका पंजीकरण कर दिया जाएगा, अन्यथा आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाएगा।

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