Sunday, May 19, 2024
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दिल्ली में फर्जी डॉक्टरों का डरावना सच आया सामने, मरीजों को कैसे जाल फंसाया जाता था जाल में

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हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फर्जी डॉक्टरों की गैंग का पर्दापाश हुआ है। दक्षिण दिल्ली के पॉश इलाके में स्थित ग्रेट कैलाश में स्थित आवासीय इलाके में एक अस्पताल- अग्रवाल मेडिकल सेंटर में मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा था।

जांच में सामने आया कि केवल डॉक्टर ही फर्जी नहीं थे बल्कि पूरे अस्पताल का सेटअप ही फर्जी था। इस अस्पताल में सस्ते इलाज का लालच देकर मरीजों को फंसाया जाता था। पूरी की पूरी गैंग ही फर्जीवाड़ा का गिरोह था। लैब टेक्निशियन और फर्जी डॉक्टर सर्जरी करते थे। जिस सर्जन के नाम पर सर्जरी नोट तैयार होता था, ऑपरेशन थिएटर में वह होता ही नहीं था। बिना किसी योग्यता के मरीज का बड़ी से बड़ी को सर्जरी को किया जाता था। अगर मरीज मर जाये तो ये उसकी अपनी किस्मत। कितनी बार इस अस्पताल को लेकर शिकायत हुई लेकिन इसके बावजूद अस्पताल जारी रहा।

पुलिस को आशंका है कि कई सालों के भीतर इस फर्जी अस्पताल ने मरीजों को करीब 80 करोड़ रुपये का चूना लगाया। पुलिस ने इंडियन मेडिकल असोसिएशन से अस्पताल के लाइसेंस को निरस्त करने के लिए लिखा है। इस अस्पताल के मालिक डॉक्टर नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी पूजा, लैब टेक्निशियन महेंदर सिंह और डॉक्टर जसप्रीत सिंह नाम के एक सर्जन को गिरफ्तार किया है। इनमें सिर्फ दो ही असली डॉक्टर हैं- डॉक्टर नीरज अग्रवाल और डॉक्टर जसप्रीत सिंह।

डॉ नीरज अग्रवाल का दिल्ली मेडिकल काउंसिल उसके रजिस्ट्रेशन को अलग-अलग समय पर 3 बार रद्द कर चुकी है। सर्जन डॉक्टर जसप्रीत सिंह तो बिना ऑपरेशन थिएटर में पहुंचे, बिना मरीज को छुए ही अस्पताल के लिए कागजों पर सर्जरी कर दिया करता था। सर्जरी तो उसके नाम पर होती थी लेकिन इस सर्जरी को करते थे फर्जी डॉक्टर।

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इस अस्पताल में कई मरीजों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने अस्पताल के 2 रजिस्टरों को भी सीज किया है जिसमें वहां भर्ती हुए 400 से ज्यादा मरीजों की डीटेल और प्रिस्क्रिप्शन स्लिप है। बीते 5 सालों में अस्पताल में कितने मरीज भर्ती हुए, पुलिस इसकी भी जानकारी ले रही है।

पुलिस जांच में सामने आया कि दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के बाहर गैंग के मेंबर शिकार की तलाश में घूमते रहते। सर्जरी की जरूरत वाले मरीजों को बेहद सस्ते और बिना किसी देरी के इलाज का लालच देते थे। अस्पताल में जिन मरीजों को सर्जरी की आवश्यकता होती थी उन्हें अक्सर उन्हीं कपड़ों में ऑपरेशन थिएटर ले जाया जाता था जिन्हें पहनकर वे आए होते थे। लैब टेक्निशियन महेंदर सिंह तब ओटी की बत्ती जलाता था। गिरफ्तार किए गए दो फर्जी डॉक्टरों में से एक उपकरणों को संभालने लगता था। फोन पर जसप्रीत सिंह सर्जरी करने का निर्देश देते रहते थे।

 

 

 

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