Saturday, November 23, 2024
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PGI रोहतक में फिर बाहर आया बॉन्ड पॉलिसी का जिन्न, MBBS स्टूडेंट्स ने लगाए गंभीर आरोप

इस संबंध में नए विद्यार्थियों के माता पिता कुलपति कार्यालय पहुंचे। यहां 2023 बैच के एडमिशन ले रहे विद्यार्थियों से एग्रीमेंट न लेकर इस बारे में एफिडेविट लिए जाने की मांग की। सरकार के इस फैसले से विद्यार्थियों में रोष पनप रहा है।

रोहतक। PGI रोहतक में MBBS में प्रवेश प्रक्रिया के साथ ही बॉन्ड पॉलिसी का जिन्न भी फिर बाहर निकल आया है। सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी को लेकर त्रिपक्षीय समझौता तैयार किया है। इस पर नए विद्यार्थियों से दाखिले के साथ ही हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। पुराने विद्यार्थियों को भी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया है। इसे लेकर पुराने विद्यार्थी व नए विद्यार्थियों के अभिभावक विरोध में उतर आए हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि त्रिपक्षीय समझौते की शर्तें सरकार की खुद की बॉन्ड पॉलिसी से मेल नहीं खा रही हैं। इस समझौते में बदलाव किया जाए।

विद्यार्थियों ने शाम को निदेशक कार्यालय के बाहर मीडिया से कहा कि पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (पीजीआईएमएस) में 2023 बैच के नए विद्यार्थियों के दाखिले चल रहे हैं। नए विद्यार्थियों को दाखिले के साथ ही बॉन्ड पॉलिसी के अनुसार एक त्रिपक्षीय अनुबंध जमा करना है। इसकी शर्तें सरकार की बॉन्ड पॉलिसी से भिन्न हैं। यह विद्यार्थियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। समझौते में किसी तरह की स्पष्टता नहीं है। बॉन्ड राशि कितनी, कब और कैसे देनी है, यह भी अस्पष्ट है।

विद्यार्थियों ने कहा कि यह एग्रीमेंट पिछले वर्ष 21 दिसंबर 2022 को अधिसूचित की गई मेडिकल शिक्षा विभाग की जिस बॉन्ड पॉलिसी के तहत मांगा जा रहा है, यह उस बॉन्ड पॉलिसी की शर्तों पर नहीं है। इसलिए 2020, 2021 और 2022 बैच के विद्यार्थियों ने डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन को पत्र लिखकर इस त्रिपक्षीय समझौते में बॉन्ड पॉलिसी के अनुसार बदलाव करने की अपील की है।

सरकार के वित्त विभाग और निजी बैंक के मध्य एमओयू हुआ है। इसका जिक्र एग्रीमेंट में किया जा रहा है। यह विद्यार्थियों और उनके माता पिता को दिखाया जाए, ताकि विद्यार्थी उस एमओयू को पढ़कर ठीक से समझ सकें। नए विद्यार्थियों के लिए समझौते में बदलाव नहीं होने तक इसे जमा करने को शर्त नहीं लागू करनी चाहिए।

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