IVF Center: इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जल्द ही इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) सेंटर खोला जायेगा. इससे बनाने के लिए कॉलेज प्रबंधन की ओर से 10 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भोपाल भेज दिया गया है. इस सेंटर के खुलने से राज्य के कई निसंतान दंपतियों का कम खर्चे में इलाज हो सकेगा.
मध्यप्रदेश का पहला सरकारी आईवीएफ सेंटर (IVF Center)
इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में खुलने वाला आईवीएफ सेंटर पूरे मध्यप्रदेश का पहला सरकारी आईवीएफ सेंटर होगा. इस आईवीएफ सेंटर वैसे निःसंतान दंपतियों को फायदा होगा जो रुपयों के अभाव में आईवीएफ सेंटरों में इलाज नहीं करवा पाते हैं. प्रदेश सरकार की ओर से एक लंबे वक्त से सरकारी आईवीएफ सेंटर बनवाने की योजना बनाई जा रही थी जिसे अब भोपाल की अनुमति के बाद खोला जाएगा. इंदौर में इस सरकारी आईवीएफ सेंटर के खुल जाने से इंदौर के साथ-साथ संभाग, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी और धार जिले के लोगों को फायदा होगा. तीन से चार महीने के भीतर ये आईवीएफ सेंटर खोल दिया जायेगा.
प्राइवेट आइवीएफ सेंटर में आईवीएफ का खर्च 1.5 से तीन लाख रुपये तक आता है. फिलहाल इंदौर में तकरीब 30 प्राइवेट आईवीएफ सेंटर हैं. बड़ी संख्या में यहां पर ऐसे दंपति पहुंचे हैं तो संतानहीन हैं लेकिन महंगी फीस होने की वजह से हर कोई इलाज नहीं करवा पाता है.
क्या होता है आईवीएफ
आईवीएफ में गर्भधारण की प्रक्रिया कत्रिम तरीके से की जाती है. इस प्रक्रिया के माध्यम से पैदा होने वाले बच्चे को ट्यूब बेबी कहा जाता है. महिला और पुरुष दोनों की जांच होने के बाद ही यह प्रक्रिया शुरु की जाती है. सबसे पहले पुरुष के सक्रिय स्पर्म को अलग किए जाते हैं, जबकि महिला के अंडे इंजेक्शन से निकालकर लैब में फ्रीज किए जाते हैं. अंडों पर सक्रिय शुक्राणु रखकर प्राकृतिक रूप से फर्टिलाइजेशन किया जाता है. फिर तीसरे दिन भ्रूण तैयार होने पर उसे महिला के गर्भाशय में कैथिटर के जरिये स्थानांतरित किया जाता है.