हरियाणा पुलिस सेवा, सुरक्षा और सहयोग की अवधारणा को चरितार्थ करते हुए निरंतर अपने कर्त्तव्य पथ पर आगे बढ़ रही है। मानवता तथा संवेदनशीलता का परिचय देते हुए हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) नित नए आयाम स्थापित कर रही है जिसकी प्रशंसा हरियाणा में ही नही बल्कि विदेशों में भी होने लगी है। विदेशी मीडिया प्लैटफॉर्म पर हरियाणा पुलिस की इन सफलता की कहानियों को प्रसारित किया जा रहा है जिससे हरियाणा पुलिस विदेश में रह रहे लोगों के मानस पटल पर एक प्रभावशाली छवि बनाने में कामयाब रही है।
हाल ही में जापान के एक प्रतिष्ठित मीडिया चैनल ने हरियाणा का दौरा किया और यहां पर राज्य अपराध शाखा की एएचटीयू द्वारा लापता बच्चों तथा महिलाओं को अपने परिवार से मिलवाने के लिए की जा रही कार्यप्रणाली को देखा। जापान के इस मीडिया चैनल द्वारा हरियाणा पुलिस द्वारा इस दिशा में किए गए कार्यों तथा बैस्ट प्रैक्टिसिज पर आधारित कवरेज की गई जिसका दुनिया भर के देशों में प्रसारण किया गया। इससे हरियाणा पुलिस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ने इसके लिए राज्य अपराध शाखा की एएचटीयू को बधाई देते हुए उनका मनोबल बढ़ाया।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस गुमशुदा व्यक्तियों की पहचान करते हुए उन्हें अपने परिजनों से मिलवाने के लिए सक्रियता से प्रयास कर रही है। कर्तव्य से आगे बढ़कर अपनी डयूटी को बखूबी निभाते हुए हरियाणा पुलिस की टीमों द्वारा मानवता व परोपकार की भावना से काम किया जा रहा है। डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि हमारा पुलिस बल लापता व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें सुरक्षित घर लाने के लिए पूर्ण समर्पण भाव के साथ प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति का कोई परिजन लापता है तो कृपया निकटतम पुलिस स्टेशन से संपर्क करने में संकोच न करें या आपातकालीन नंबर 112 पर इसकी सूचना दें ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
डीजीपी ने आगे कहा कि हरियाणा पुलिस लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए निरंतर प्रयासरत है। ये अभियान ज्यादातर बाल कल्याण समिति व अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से चलाए जाते हैं। हरियाणा पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में लापता व्यक्तियों व बच्चों को ढूँढकर फिर से मिलाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हमारी पुलिस टीमें लापता बच्चों व व्यक्तियों की तलाश के लिए आश्रय गृहों जैसे संस्थानों के अलावा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों और विभिन्न धार्मिक स्थलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी जाती हैं।
आंकड़े सांझा करते हुए राज्य अपराध शाखा हरियाणा की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ममता सिंह ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा 1 जनवरी 2024 से लेकर 30 अप्रैल 2024 तक एएचटीयू तथा जिला पुलिस के संयुक्त प्रयासो से 18 वर्ष से कम आयु के लापता 790 किशोर तथा किशोरियों, 18 वर्ष से अधिक आयु के 3489 युवक व युवतियों, 433 भिखारियों, 273 बंधुआ मजदूरी करने वाले बच्चों को रेस्क्यू किया गया है।
डीजीपी ने कहा कि सोशल मीडिया जैसे माध्यम दुनिया भर में गुमशुदा व्यक्तियों को खोजने का सशक्त माध्यम है। लापता व्यक्तियों का विवरण देने वाले ऐसे पोस्ट प्रसारित करने में हमें कुछ ही सेकंड लगेंगे। यह संदेश किसी गुमशुदा को उसके परिजनों से मिलाने में अहम योगदान दे सकता। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे इस प्रकार के लापता लोगों व बच्चों के बारे में जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जरूर शेयर करें ताकि किसी भी ऐसे लापता बच्चों को जल्द से जल्द अपने परिवार से मिलवाया जा सके।