कुछ लोगों को टॉयलेट के समय झाग बनते हैं, जिसे देखकर लोग डर जाते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। कहीं ये किसी बीमारी के संकेत तो नहीं हैं? आईए विस्तार से जानते हैं।
नजरअंदाज ना करें
पेशाब करते वक्त क्या यूरिन झागदार नजर आता है, तो इसे नजरअंदाज ना करें। झागदार पेशाब कभी-कभी सामान्य होता है, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार आना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। झाग कई बार किडनी में कोई समस्या होने के कारण भी निकल सकता है।
हालांकि, यदि आप अक्सर पेशाब में झाग देखते हैं, तो आपको इसे गंभीरता से लेना चाहिए और अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। झागदार पेशाब क्रोनिक किडनी रोग (CKD) के लिए एक चेतावनी संकेत हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे नजरअंदाज न करने की सलाह देते हैं।
हो सकती है किडनी से जुड़ी समस्या
डॉक्टर्स के मुताबिक कई बार तेज टॉयलेट आने पर प्रेशर बनने के कारण पेशाब में झाग बन सकते हैं। लेकिन बार बार ये समस्या महसूस हो रही है। या फिर आप जब भी टॉयलेट जाते हैं तो कुछ बुलबुले जैसे दिखाई देते हैं तो ये किडनी से जुड़ी समस्या की ओर भी इशारा हो सकता है।
अगर आपको टॉयलेट में झाग के अलावा हाथ, पैर में सूजन या खुजली भी महसूस हो रही है तो किडनी से जुड़ी समस्या हो सकती है। इसके साथ ही अगर थकान, उल्टी और सांस लेने में परेशानी है तो बिना देरी के डॉक्टर को दिखाएं।
पेशाब में झाग बनने के कारण
पेशाब में प्रोटीन (प्रोटीनुरिया): पेशाब में अत्यधिक प्रोटीन होने से ये झागदार हो सकता है। ये स्थिति किसका लक्षण हो सकती है? किडनी की बीमारी, मधुमेह, या कुछ स्वप्रतिरक्षी विकार।
डायबिटीज: हाई शुगर लेवल डायबिटीज के मरीजों के मूत्र में झाग का कारण बन सकती है। जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल अधिक हो जाता है तो पेशाब में झाग बनने लगता है। मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) या प्रोस्टेट की समस्या के कारण भी पेशाब में झाग आ सकता है।
कई बार गर्मी में पानी कम पीने और शरीर में पानी की कमी होने से भी ऐसा होता है। कई बार जब आप लंबे समय तक टॉयलेट नहीं जाते हैं तो प्रेशर के कारण भी पेशाब में झाग बन सकते हैं।
निर्जलीकरण: जब शरीर निर्जलित हो जाता है या तरल पदार्थ का स्तर सामान्य से कम हो जाता है, तो पेशाब अधिक गाढ़ा हो जाता है, जिससे पेशाब में झाग आने की संभावना बढ़ जाती है।
पेशाब के रस्ते में संक्रमणण (यूटीआई): कुछ प्रकार के बैक्टीरिया एंजाइम उत्पन्न कर सकते हैं जो महिलाओं के पेशाब में झाग पैदा कर सकते हैं।
दवाइयां: दवाइयां, जैसे कि कुछ एंटीबायोटिक दवाओं, मूत्रवर्धक, और कीमोथेरपी दवाओं के दुष्प्रभाव के रूप में झागदार मूत्र उत्पन्न हो सकता है।
कौन-कौन सी जांच जरूरी
यूरिनलिसिस: यूरिन में प्रोटीन, ग्लूकोज और अन्य फैक्टर्स की जांच करना जरूरी है। यूरिनलिसिस यानी यूरिन एनालिसिस, मूत्र की जांच का एक तरीका है। ये पेशाब की उपस्थिति, कंसंट्रेशन, और सामग्री की जांच करता है।
यूरिनलिसिस यूनिटी ट्रैक्ट इंफेक्शन, किडनी की बीमारी, डायबिटीज, और लिवर की समस्याओं जैसी कई बीमारियों का पता लगाने और उनको मैनेज करने में मदद करता है। यूरिनलिसिस, एक नियमित जांच के रूप में या किसी खास बीमारी के लिए किया जा सकता है। डॉक्टर, सर्जरी से पहले भी नियमित रूप से यूरिन टेस्ट कराने का सुझाव देते हैं।
पेशाब में झाग आने पर क्या करें उपाय
- गर्मी के दिनों में भरपूर पानी पीने से इस समस्या को कम किया जा सकता है।
- शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स यानि पानी को बैलेंस ठीक रखना चाहिए।
- टॉयलेट को ज्यादा लंबे समय तक होल्ड करने से बचना चाहिए।
- डायबिटीज और किडनी से जुड़ी समस्या है तो डॉक्टर से सलाह लें।
- समय-समय पर अपने यूरिन का रूटीन टेस्ट भी करवाते रहें।