Surrogacy Fraud : प्रॉपर्टी को लेकर अक्सर रिश्तों में दरार देखने को मिलती है, लेकिन चीन में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की मर्यादा को पूरी तरह तार-तार कर दिया। शंघाई में एक शख्स ने अपनी मृत पत्नी की संपत्ति पर कब्जा जमाने के लिए सरोगेसी का झूठा सहारा लिया। इस हैरान कर देने वाली घटना ने कोर्ट से लेकर सोशल मीडिया तक खूब चर्चा बटोरी है।
पत्नी की मौत के बाद आया सरोगेट बेबी Surrogacy Fraud का बहाना
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, शंघाई के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की मौत के लगभग एक साल बाद अचानक एक बच्चे को लेकर दावा किया कि यह उनकी सरोगेट संतान है।
उसका कहना था कि यह बच्चा उसकी पत्नी और उसके साझा प्लानिंग का हिस्सा था, जिसे उन्होंने विदेश में सरोगेसी के माध्यम से संभव बनाया।
हालांकि, मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। महिला के माता-पिता ने इस दावे पर सवाल उठाए और मामला कोर्ट तक पहुंच गया।
झूठ के जाल की परतें खुलीं
कोर्ट में पेश हुई जानकारी के अनुसार, महिला की मेडिकल कंडीशन ऐसी नहीं थी कि वह एग्स निकालकर सरोगेसी करा सके। इसके अलावा, पति द्वारा दावा किया गया कि उन्होंने थाईलैंड में सरोगेसी ट्रीटमेंट कराया, लेकिन उनके किसी भी यात्रा का रिकॉर्ड नहीं मिला।
महिला के माता-पिता ने अदालत में कहा कि उनकी बेटी को गोद लिया गया था क्योंकि उनकी खुद की संतान नहीं हो सकती थी। ऐसे में पति का बच्चा पेश करना स्पष्ट रूप से झूठा साबित हुआ।
प्रॉपर्टी के लिए खेला गया खेल
दरअसल, महिला की मौत के बाद ज्वाइंट प्रॉपर्टी में उसके माता-पिता और पति का समान अधिकार था। लेकिन पति अपनी मृत पत्नी के माता-पिता को हिस्सा नहीं देना चाहता था। इसलिए उसने सरोगेट बेबी का बहाना बनाया, ताकि पूरी संपत्ति पर उसका कब्जा हो सके।
कोर्ट का फैसला
सभी तथ्यों और सबूतों को देखते हुए, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बच्चे का महिला से कोई जैविक संबंध नहीं है। अदालत ने पति के इस झूठ को सिरे से खारिज कर दिया और संपत्ति को ज्वाइंट प्रॉपर्टी के अनुसार बांटने का आदेश दिया।
यह मामला यह साबित करता है कि प्रॉपर्टी के लालच में इंसान किसी भी हद तक जा सकता है। रिश्तों की गरिमा और भावनाओं को दरकिनार कर, कुछ लोग झूठ का सहारा लेकर अपने स्वार्थ पूरे करने में जुट जाते हैं।