रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा आज रैगिंग जैसी अमानवीय और घातक प्रवृत्ति के विरुद्ध एक सशक्त जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को रैगिंग के दुष्परिणामों से अवगत कराना और परिसर को पूर्णतः रैगिंग-मुक्त बनाना था।
कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष डॉ. पूजा सुनेजा ने किया। उन्होंने नए सत्र में प्रथम वर्ष के छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए रैगिंग को एक सामाजिक अपराध करार दिया और कहा कि “रैगिंग एक गंभीर अपराध है जो विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। इसे किसी भी रूप में सहन नहीं किया जा सकता।”
इस अवसर पर यूजीसी की वेबसाइट से ली गई रैगिंग-विरोधी डॉक्यूमेंट्री और लघु फिल्में छात्रों और शिक्षकों को दिखाईं गईं, जिनमें रैगिंग के गंभीर परिणामों और इससे निपटने के उपायों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के अंत में विभाग के सभी विद्यार्थियों ने एकजुट होकर रैगिंग के खिलाफ शपथ ली कि वे न स्वयं रैगिंग करेंगे, न ही किसी को करने देंगे, और जरूरत पड़ने पर इसकी रिपोर्ट करेंगे।
कार्यक्रम में डॉ. के. के. शर्मा, डॉ. अनिता, डॉ. पूजा गुलाटी एवं डॉ. संजय कुमार समेत शोधार्थी और विद्यार्थी शामिल हुए। सभी शिक्षकों ने एकमत होकर छात्रों को सुरक्षित, सहयोगपूर्ण और प्रेरणादायक शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई।