हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), हरियाणा ने ‘स्टॉप डायरिया अभियान 2025’ की शुरुआत की। इस संबंध में सभी जिलों और संबंधित विभागों के साथ राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की गई।
यह विशेष स्वास्थ्य अभियान 15 जून से 31 जुलाई 2025 तक पूरे राज्य में संचालित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की दस्त से होने वाली मृत्यु दर को शून्य पर लाना है।
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि इस अभियान के तहत प्रदेश के पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 23 लाख बच्चों को ओआरएस और जिंक की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित कर दस्त से बचाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान ओआरएस और जिंक के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही बच्चों की देखभाल करने वालों में दस्त की रोकथाम और प्रबंधन से संबंधित सकारात्मक व्यवहार में बदलाव लाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। यह अभियान विशेष रूप से झुग्गी बस्तियों, सूखा या बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और अन्य संवेदनशील समुदायों पर केंद्रित रहेगा।
अभियान के दौरान ओआरएस और जिंक की दवा घर-घर जाकर वितरण व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, आंगनवाड़ी केंद्रों से लेकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) स्तर की स्वास्थ्य इकाइयों से लेकर सिविल अस्पतालों तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ओआरएस-जिंक काउंटर स्थापित किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज, जल जीवन मिशन, ग्रामीण एवं शहरी विकास विभागों के सहयोग से जन जागरूकता एवं संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय को दस्त की रोकथाम की जानकारी प्रदान करेगा।
अभियान के तहत स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और सामुदायिक बैठकों में हाथ धोने का प्रदर्शन भी सुनिश्चित किया जाएगा। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे और स्वास्थ्य कर्मियों को दस्त के मानक उपचार प्रोटोकॉल के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा।
यह अभियान मुख्य रूप से पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों और उनकी देखभाल करने वालों पर केंद्रित है। यह अभियान उन जिलों में और भी अधिक महत्वपूर्ण है जहां पिछले वर्षों में दस्त के अधिक मामले सामने आए हैं। सभी विभागों को अभियान को सफल बनाने और सभी बच्चों को ओआरएस और जिंक की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।