Sunday, November 24, 2024
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रेवाड़ी में बॉयलर फटने से हुए दर्दनाक हादसे में अब तक 10 मजदूरों की मौत, 3 ने रोहतक PGI में तोड़ा दम

रेवाड़ी। रेवाड़ी के इंडस्ट्रियल एरिया धारूहेड़ा स्थित ऑटो पार्ट्स बनाने वाली लाइफ लॉन्ग कंपनी में 16 मार्च को बॉयलर फटा था। इस हादसे में 5 मजदूरों की मौत हो गई थी और कई मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिन में से कुछ मजदूरों को पीजीआई रोहतक में भर्ती करवाया गया था। दो की दो दिन पहले मौत हो गई तो आज उन झुलसे कर्मचारियों की मौत की संख्या 10 हो गई है क्योंकि 3 अन्य कर्मचारियों ने देर रात रोहतक PGI में दम तोड़ दिया, जबकि चार कर्मचारियों की हालत अभी गंभीर है।

मरने वालों में यूपी के बहराइच निवासी दिवेश (20), यूपी के सिखरोना निवासी घनश्याम (25), गोंडा निवासी मनोज कुमार (25) शामिल है। जबकि इससे पहले दो दिनों में 7 कर्मचारियों ने रोहतक पीजीआई और दिल्ली के सफदरंग अस्पताल में दम तोड़ा था। इनमें अयोध्या निवासी अमरजीत (35), देवानंद (22), मैनपुरी निवासी अजय (32), बहराइच निवासी विजय (37), गोरखपुर निवासी रामू (27), फैजाबाद निवासी राजेश (38), पंकज (35) की मौत हो चुकी है। वहीं इतने बड़े हादसे के बावजूद अभी तक कंपनी मालिक और ठेकेदार की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वहीं मजदूरों की मौत को लेकर एआईयूटीसी के नेता कॉमरेड एडवोकेट राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में आज जुलूस निकाला जाएगा और जिला सचिवालय पहुंचकर प्रशासन को ज्ञापन दिया जाएगा।

PGI में 9 लोगों का चल रहा इलाज

फिलहाल 9 कर्मचारियों का रोहतक पीजीआई में इलाज चल रहा। इनमें 4 आईसीयू में भर्ती है। वहीं दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल और रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में भी कई कर्मचारियों का इलाज चल रहा है। हादसे वाले दिन ये सभी आग में बुरी तरह झुलस गए थे। इस मामले में 4 दिन पहले धारूहेड़ा थाना में कंपनी और ठेकेदार के खिलाफ FIR हो चुकी है। साथ ही मामले में गठित की गई कमेटी भी जांच कर रही है। हादसे में झुलसे कर्मचारी की माने तो हादसे के वक्त कंपनी में लगा बड़ा इमरजेंसी गेट बंद था। इसकी वजह से आग लगने के बाद कर्मचारी उसमें फंस फंसे रहे।

5 दिन पहले हुआ था हादसा

शनिवार (16 मार्च) की शाम धारूहेड़ा स्थित लाइफ लॉन्ग कंपनी में बॉयलर फट गया था। इसमें यूपी के जिला गोंडा का राजकुमार (24) झुलसा था। उसने बताया कि 16 मार्च को करीब 60-70 कर्मचारी कंपनी में काम कर रहे थे। शाम 5.45 पर बॉयलर डस्ट कलक्टर फट गया। ये बॉयलर डस्ट कलक्टर पहले भी दो बार फट चुका था। उस वक्त कोई नुकसान नहीं हुआ था। तब भी ठेकेदार और कंपनी मालिकों को इसे ठीक कराने बारे अवगत करवाया था। साथ ही बताया कि था कि इससे कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन इसकी देख-रेख पर कोई ध्यान नहीं देकर लापरवाही की। अगर कंपनी मालिक और ठेकेदार समय पर सफाई व देख रेख करते तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।

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