smuggling of banned drugs: बिहार में कूरियर के माध्यम से प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी हो रही है. औषधि नियंत्रक प्रशासक चुनेंद्र महतो के नेतृत्व में की गई छापेमारी में तकरीबन 12 लाख रुपए की प्रतिबंधित दवाओं को पकड़ा गया. इस दौरान पकड़े गए मिथलेश कुमार सिंह और दीपक सिंह ने बताया कि कुरियर कंपनियों के माध्यम से वह पटना में प्रतिबंधित दवाएं मंगवाते हैं और पूरे बिहार में इसकी सप्लाई करते हैं. इस घटना को देखते हुए पूरे राज्य में ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम का गठन किया गया है.
smuggling of banned drugs: यूपी और उत्तराचंल से आती थी प्रतिबंधित दवाएं
छापेमारी के दौरान पकड़े गए मिथलेश कुमार और दीपक सिंह ने बताया कि वो यूपी और उत्तराचंल से प्रतिबंधित दवाएं लाते थे. इन दवाओं को वो वाचस्पति नगर स्थित अपने गोदाम में पैक कर बिहार के अलग-अलग जिलों में भेजने का काम करते थे. इसे परमानेंट ग्राहकों के पास भेज देता था. ड्रग विभाग आरोपी के मोबाइल के कॉल डिटेल, वाट्सऐप मैसेज आदि की जांच कर रही है. जांच के दौकरान उसके कुछ रेग्यूलर ग्राहकों के नंबर भी मिले हैं. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच में सामने आया है कि आरोपित ब्रांडेड कंपनियों का रैपर बदलकर भी दवाओं को मंगवाते थे. ये भी सामने आया है कि रेड्डी, लूपिन, जीएसके, एस्ट्राजेनेका फार्मा, एरिस्टो, ज्य्दुस हेल्थकेयर, रैकेट ब्रोनकाइजर, पीएंडजी, ग्लेनमार्क, मेकाइंड और बायो आयल जैसे ब्रांड के नाम पर भी दवाएं मंगवाते थे.
पूरे राज्य में ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम का गठन
राजधानी पटना समेत पूरे राज्य में ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम का गठन किया गया है. ये टीम कुछ चिन्हित कूरियर कंपनियों पर छापेमारी करेगी.
पूरे राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई
बिहार ड्रग कंट्रोलर नित्यानंद क्रिशलय ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि गुप्त सूचना के माध्यम से पता चला है कि कूरियर कंपनियों के माध्यम कई ब्रांडेड दवाएं पटना सहित पूरे बिहार में मंगाई जा रही हैं, जो पूरी तरह से प्रतिबंध है. राज्य में एक अभियान चलाकर चारों ओर छापेमारी की जा रही है. इसके लिए ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम का गठन किया गया है और उन्हें निर्देश जारी किए गए हैं.
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