Friday, May 3, 2024
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संसद के बाहर नारेबाजी करने वाली नीलम के बचाव में आया SKM, अब खाप पंचायतें संभालेंगी मोर्चा

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जींद। संसद के बाहर प्रदर्शन करते हुए पकड़ी गई नीलम के बचाव में संयुक्त किसान मोर्चा सक्रिय हो गया है। मोर्चे ने नीलम को रिहा कराने के लिए गुरुवार को उचाना में पंचायत बुलाई। उचाना तहसील के सामने हुई इस पंचायत में कई खापों के पदाधिकारी और किसान नेता जुटे। नीलम जींद जिले में उचाना एरिया के घसो खुर्द गांव की रहने वाली है। बुधवार को उसने संसद भवन के बाहर नारेबाजी की थी जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। आज गुरुवार शाम जींद की उचाना तहसील में हुई इस पंचायत में ही आगामी रणनीति तैयार की गई। उधर किसान नेताओं का कहना है कि नीलम ने कुछ गलत नहीं किया है, उसने किसानों, मजदूरों और बेरोजगारी की बात उठाई है।

आगे आया संयुक्त किसान मोर्चा 

बता दें संसद में दो युवक सदन के अंदर पहुंच गए थे और एक युवक और एक युवती ने संसद के बाहर कलर स्टिक के साथ प्रदर्शन किया था। इनमें जींद जिले के उचाना क्षेत्र के घासो खुर्द गांव की नीलम भी शामिल थी, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि गिरफ्तारी के बाद उसे कहां रखा गया है इसके बारे में परिजनों को अभी कोई जानकारी नहीं दी गई गई है। इस मामले में अब संयुक्त किसान मोर्चा आगे आया और गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आजाद पालवां, सिक्किम सफाखेड़ी समेत कई किसान नेता नीलम के घर पहुंचे और उसका समर्थन करते हुए साथ खड़े रहने का ऐलान किया। इसके साथ ही खाप पंचायतों को भी बुलाया गया।

नीलम के समर्थन में 3 प्रस्ताव पास

गुरुवार को हुई पंचायत के संयोजक और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता आजाद पालवां ने कहा कि नीलम ने स्टूडेंट्स, बेरोजगारों और गरीबों-मजदूरों की आवाज बुलंद की है। इसलिए पंचायत में नीलम के समर्थन में 3 प्रस्ताव पास किए गए। इनमें से पहले प्रस्ताव में कहा गया कि सरकार किसानों-मजदूरों की आवाज उठाने वाले युवाओं को रोजगार दिलाने में सरकार मदद करें। दूसरे प्रस्ताव में कहा गया कि जॉब की डिमांड उठाने वालों पर जिस तरह की तानाशाही की जाती है, उसके खिलाफ आवाज उठाने वाली नीलम को तुरंत रिहा किया जाए।

UAPA के तहत संगीन धाराएं लगाई

पंचायत ने तीसरे प्रस्ताव में कहा कि दिल्ली पुलिस ने एंटी टेरर और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत नीलम पर जो संगीन धाराएं लगाई हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए। पालवां ने कहा कि बुधवार को प्रदर्शन करने वाले नौजवानों की न तो मंशा खराब थी और न उनके विचार गलत हैं। वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे इसलिए उन पर ऐसा कठोर एक्ट लगाने का कोई औचित्य नहीं बनता। पंचायत में यह भी कहा गया कि अगर सरकार ने तीनों प्रस्ताव नहीं माने तो खाप पंचायतों को मोर्चा संभालना पड़ेगा। ये खाप पंचायतें हरियाणा के सभी संगठनों से बातचीत कर बड़ा फैसला लेने को मजबूर हो जाएगी।

किसान नेत्री सिक्किम सफाखेड़ी ने बताया कि नीलम ने संसद में जाकर आवाज उठाकर अच्छा काम किया है, सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाने के लिए यह धमाका जरूरी था। सरकार रोजगार पर काम नहीं कर रही और रोजगार की खातिर ही आवाज उठाने का काम नीलम ने किया है। किसान आंदोलन के दौरान नीलम सक्रिय रही तो पहलवानों के दिल्ली में चल रहे धरने के दौरान भी नीलम और उसने अपनी गिरफ्तारी दी थी।

किसान समेत कई आंदोलनों में एक्टिव रही है नीलम

संसद के बाहर नारेबाजी करते हुए पकड़ी गई नीलम किसान आंदोलन समेत कई लोकल मुद्दों को लेकर हुए आंदोलनों में एक्टिव रही है। नीलम की दोस्त सिक्किम के मुताबिक वह भी सभी आंदोलनों में नीलम के साथ रही। चाहे वह टोल का मुद्दा हो या फिर दिल्ली में हुआ किसान आंदोलन। सिक्किम ने बताया कि नीलम ने रोजगार की खातिर आवाज उठाई है। वह किसान आंदोलन में भी एक्टिव थी और पहलवानों के धरने के दौरान भी गिरफ्तारी दी थी।

किसान, मजदूर और बेरोजगारों की आवाज उठाई

किसान नेता आजाद पालवां ने कहा कि नीलम ने किसान, मजदूर और बेरोजगारों की आवाज उठाई है। सरकार के कान तक आवाज पहुंचाने का ये जरिया था। यदि सुरक्षा में चूक हुई है तो सरकार की कमी है। नीलम को आजाद कराने के लिए खाप आ जाएंगी। परिवार से उनका भाई राम निवास है। बैठक में जो सहमति बनती है उसके हिसाब से ही आगे का फैसला लिया जाएगा।

संगीन धाराएं हटाए पुलिस

इससे पहले नीलम के परिजनों ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनकी बेटी कहां पर है। कल बेटी से मिलने के लिए परिवार के लोग दिल्ली जा सकते हैं। हालांकि गांव में अभी शांति बनी हुई है और पुलिस प्रशासन या किसी एजेंसी की तरफ से अभी कोई भी गांव में परिवार के पास जांच आदि के लिए नहीं पहुंचा है। नीलम के भाई राम निवास का कहना है कि नीलम ने नौकरी का मुद्दा उठाया है। उसे संसद के बाहर से पकड़ा गया है वह अंदर नहीं गई है। वह स्टूडेंट है और उस पर संगीन धाराएं लगाई गई हैं उन्हें हटाया जाए। राम निवास ने ये भी कहा कि हमें नहीं पता था कि नीलम दिल्ली जा रही है, वरना उसे जाने ही नहीं देते।

बेटे के साथ दिल्ली जाएंगी मां सरस्वती

नीलम की मां सरस्वती देवी ने कहा कि जब कोई बच्चा इतना पढऩे के बाद भी बेरोजगार रहता है तो वह निश्चित तौर पर कुछ गलत कर सकता है लेकिन नीलम ने बेरोजगार युवाओं की आवाज को उठाया है। दिल्ली जाने के बारे में पूछे जाने पर सरस्वती देवी ने कहा कि अकेले उनके जाने से कुछ होने वाला नहीं है। किसान संगठन और खाप पंचायतें इकट्ठा हो रही हैं और उनका बेटा उनके साथ दिल्ली जाएगा।

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