Sunday, July 20, 2025
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Siddhu Moosewala: तीसरी पुण्यतिथि आज, अपने गीतों के माध्यम से लोगों के दिलों में है जीवित

Siddhu Moosewala: पंजाब के लोकप्रिय गायक शुभदीप सिंह मूसेवाला भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वह अपनी लेखनी और गीतों के जरिए आज भी अपने प्रशंसकों के बीच जिंदा हैं। सिद्धू मूसेवाला को गुजरे तीन साल हो गए हैं, लेकिन समाज को प्रतिबिंबित करने वाले अपने गीतों के माध्यम से वह आज भी अपने प्रशंसकों के दिलों में जीवित हैं।

आज भी हर छोटे-बड़े मौके पर सिद्धू मूसेवाला के प्रशंसक उनके गाने गाकर उन्हें याद करते नजर आते हैं। सिद्धू मूसेवाला ने छोटी सी उम्र में ही दुनिया भर में ख्याति प्राप्त कर ली थी। गौरतलब है कि मशहूर गायक की हत्या 29 मई 2022 की काली शाम को कर दी गई थी। 29 मई की शाम को अज्ञात हमलावरों ने सिद्धू मूसेवाला को घेर लिया और गोलियां चला दीं।

इस घटना में मूसेवाला को कई गोलियां लगीं और उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन एम्बुलेंस पहुंचने से पहले ही मूसेवाला की मौत हो गई। सिद्धू मूसेवाला की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए हजारों लोग पहुंचे थे। इनमें कला, संगीत और फिल्म जगत के कई बड़े नाम शामिल थे। सिद्धू का समर्थन करने वालों में पंजाब सहित अन्य राज्यों के साथ-साथ अन्य देशों और विदेशों से भी लोग शामिल थे। सिद्धू का अंतिम संस्कार उनके खेतों में किया गया, जहां बाद में उनके लिए एक स्मारक बनाया जा सका।

जब 5911 ट्रैक्टर पर उनकी अंतिम यात्रा श्मशान घाट पहुंची तो वहां उमड़े जनसैलाब और अपने बेटे के प्रति लोगों के अपार प्रेम ने उनके पिता का धैर्य तोड़ दिया। रोते हुए उन्होंने अपनी पगड़ी उतारी और लोगों के सामने झुककर उन लोगों का धन्यवाद किया जिन्होंने संकट की इस घड़ी में उनका साथ दिया।

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इतना ही नहीं मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह सिद्धू ने अपने बेटे की स्टाइल में उसे ट्रैक्टर से टक्कर मार दी। यह क्षण बहुत भावुक था। आज शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला की तीसरी पुण्यतिथि है। दिवंगत सिद्धू मूसेवाला को याद करते हुए उनके पिता बलकौर सिंह ने बरसी से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट किया है।

इसमें लिखा है कि कभी-कभी वास्तविकता बनावटी लगती है, कभी-कभी सब झूठ निकलता है… मैं यह भी सोचता हूं कि क्या कोई बुरा सपना या बुरा विचार चल रहा है, फिर मैं खुद से कहता हूं कि नहीं, एक ही सपना तीन साल तक कैसे चल सकता है, मैं एक गहरी सांस लेता हूं और खुद से कहता हूं कि यह खत्म हो गया, और फिर मैं दुखी हो जाता हूं।

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