हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जापान दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल ने टोक्यो में जापान की प्रतिष्ठित सेइरेन कंपनी लिमिटेड के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत सेइरेन कंपनी रोहतक में अपने मेगा प्रोजेक्ट में 220 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी। इस परियोजना से लगभग 1700 से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस दौरान हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह भी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि सेइरेन कंपनी लिमिटेड वस्त्र समाधान और उन्नत सामग्री निर्माण में विश्व स्तर पर अग्रणी कंपनी है, जिसके उत्पाद ऑटोमोबाइल, इंटीरियर, पर्यावरण संरक्षण, लाइफस्टाइल, कॉस्मेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स, सेंसर और मैग्नेटिक मटेरियल जैसे कई क्षेत्रों में उपयोग होते हैं।
एक सशक्त औद्योगिक और प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में बनी हरियाणा की पहचान
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भारत की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था, युवा आबादी व बड़ा बाजार तथा जापान के तकनीकी कौशल, विनिर्माण कौशल और वित्तीय संसाधन दोनों देशों की प्रगति में अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की पहचान एक सशक्त औद्योगिक और प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में बनी है। हरियाणा, भारत के भौगोलिक क्षेत्रफल का केवल 1.3 प्रतिशत है। लेकिन, यह देश की जी.डी.पी. में 3.6 प्रतिशत का योगदान देता है। हरियाणा हमेशा से भारत में जापानी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक पसंदीदा निवेश स्थल रहा है। हरियाणा भारत के निर्यात में योगदान देने वाला प्रमुख राज्य है। हरियाणा ने वर्ष 2023-24 में 2 लाख 75 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में 2,000 से अधिक वस्त्र इकाइयां हैं। हरियाणा भारत के वस्त्र उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जो सिंथेटिक और विशेष वस्त्रों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में आईटीआई और कई कौशल विकास केंद्र हैं, जो वस्त्र निर्माण और विनिर्माण पर केंद्रित हैं। इससे कुशल मैनपावर भी उपलब्ध होगी। सेइरेन कंपनी के साथ हुए एमओयू से हरियाणा इस क्षेत्र में और अधिक प्रगति होगी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
उन्होंने कहा कि यह निवेश राज्य के विनिर्माण क्षेत्र को नई गति देगा और हरियाणा को वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर और मजबूत स्थिति प्रदान करेगा। अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग से राज्य में औद्योगिक नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।