प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के हुई भगदड़ की घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। इस हादसे में 30 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए थे। सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं। गुरुवार को मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का आना जारी रहा, लेकिन इस हादसे का श्रद्धालुओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ा, और लोग गंगा स्नान करने के लिए घाटों की ओर बढ़ते रहे।
पुलिस और मेला प्रशासन ने यातायात व्यवस्था में बदलाव किए हैं और वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित किया गया है। वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने के साथ ही बाहर से आने वाली गाड़ियों को मेला क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जब तक भीड़ नियंत्रित नहीं हो जाती। पुलिस अधीक्षक (यातायात) अंशुमान मिश्रा ने बताया कि यह कदम भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है, जो शुक्रवार को घटना स्थल का दौरा करेगा। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हर्ष कुमार ने कहा कि वे प्राथमिकता के आधार पर जांच शुरू कर चुके हैं और जल्द से जल्द इस हादसे के कारणों का पता लगाने की कोशिश करेंगे। आयोग को एक महीने का समय दिया गया है, लेकिन कोशिश है कि इससे पहले ही जांच पूरी की जाए।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार भी मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रयागराज पहुंचे और मेला व्यवस्थाओं का आकलन किया। इसके अलावा, महाकुंभ मेले में पहले से काम कर चुके वरिष्ठ अधिकारियों को फिर से तैनात किया गया है।