रोहतक पुलिस ने अगस्त माह के दौरान साइबर ठगों द्वारा ठगे गए नागरिकों के करीब 19 रुपए लौटाए हैं। सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) वाईवीआर शशि शेखर ने बताया कि जिला रोहतक मे अगस्त माह मे साइबर ठगी की कुल 440 शिकायते प्राप्त हुई। जिनमे 57 मामलों में एफआईआर दर्ज हुई।
शिकायत प्राप्त होने पर रोहतक पुलिस ने मामले की गहनता से जांच करते हुए 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। शिकाय़त पर कार्रवाई करते हुए धनराशि को वापस पीड़ित के खाते में भिजवाने की प्रक्रिया पूरी करते हुए पीड़ितों को अगस्त माह के दौरान रुपए लौटाए हैं। जांच के बाद अदालत के आदेश पर होल्ड हुए 18,84,125/- रुपए वापस पीड़ितो के खातो में ट्रांसफर कराये गये है।
साइबर ठगी का तरीका
- जालसाज आपको पोस्ट/कोरियर/ई-मेल के द्वारा पत्र या स्क्रैच कार्ड भेजते है। जिसमें लिखा होता है कि आपने उच्च मूल्य जैसे कि कार, मोटरसाइकिल या इलेक्ट्रॉनिक्स आदि का इनाम जीता है। जालसाज द्वारा पत्र मे आपको एक फोन नंबर दिया होता है जिस पर कॉल करने के लिए कहा जाता है या एक नकली वेबसाइट पर निर्देशित किया जाता है।
- जालसाज आपको एक वेबसाइट पर भी आकर्षित कर सकते है जो ई-कॉमर्स वेबसाइट के समान दिखाई देती है या आपको एक नकली या मनगढ़ंत प्रमाण पत्र भेज सकते है।
- जालसाज खुद को कर्मचारी या संदर्भित ई-कॉमर्स कंपनी के सदस्य होने का दावा करते हैं और प्रमाण के रूप में नकली पहचान पत्र दिखा सकते हैं।
- जालसाज द्वारा व्यक्तिगत जानकारी और जमा शुल्क (कोरियर शुल्क, कर, सीमा शुल्क, शिपिंग, आदि) की मांग लाटरी के इनाम की एक्सपायरी डेट का हवाला देकर की जाती है।
- इस राशि को नकद में या स्कैमर्स द्वारा नियंत्रित बैंक खातों में किए जाने की मांग की जाती है और जालसाज गलत तरीके से पैसे हड़प लेते है और बाद में उसी के साथ फरार हो जाते हैं।
ये सावधानी बरतें
- बैंक खातों, क्रेडिट कार्ड, फोन या ईमेल भेजने वाले को अपनी व्यक्तिगत/निजी जानकारी का खुलासा न करें क्योंकि इससे पहचान की चोरी हो सकती है।
- संदिग्ध ई-मेल का जवाब न दें या संदेहास्पद लिंक पर क्लिक ना करें क्योंकि वे मैलवेयर या वायरस हो सकता है। कभी भी जालसाज द्वारा भेजे गए ऑनलाइन फॉर्म को न भरे।
- लॉटरी की राशि लेने के लिए कभी किसी को अग्रिम (एडवांस) शुल्क न दें। कोई आपसे अग्रिम शुल्क की मांग नहीं करेगा यदि आप मनी लॉटरी की राशि प्राप्त करते हैं।
- याद रखें यदि आपने लाटरी मे भाग नहीं लिया है तो आप कभी भी लॉटरी नहीं जीत सकते है।
इस तरह की ठगी से बचने के लिये भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने पोर्टल तैयार किया है, जिसका एक हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया गया है। जिस पर पीड़ित साइबर अपराध से संबंधित अपनी शिकायत दे सकते हैं। ऑनलाइन/साइबर ठगी का शिकार हुआ पीड़ित व्यक्ति तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत देता है तो फ्रॉड की जानकारी के आधार पर जिस अकाउंट में पैसा गया है साइबर अपराध डैस्क द्वारा उसी समय उस अकाऊंट को फ्रीज कर दिया जाएगा जिस अकाउंट में पीड़ित का पैसा ट्रांसफर हुआ है। बैंक अकाउंट फ्रीज होने के बाद ठग/मालिक उससे पैसा निकाल नहीं पाएगा। साथ ही पीड़ित के अकाउंट से ट्रांसफर किए गए पूरे रुपये वापस पीड़ित के खाते में वापस ट्रांसफर कराए जाएंगे।