रोहतक। रोहतक पुलिस ने साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे के मद्देजनर एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अज्ञात व्यक्तियों से प्राप्त क्विक रिस्पोंस (क्यूआर) कोड की स्कैनिंग करते समय विशेष सतर्कता बरतते हुए इससे बचें क्योंकि यह कोड उनके बैंक खातों की जानकारी लेकर ठगी कर सकते हैं।
पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग ने ऐसे साइबर स्कैमर्स से सावधान रहने बारे सलाह देते हुए बताया कि साइबर अपराधी ईमेल, व्हाट्सएप जैसे माध्यम से क्यूआर कोड भेजकर लोगों के बैंक खातों को हैक कर ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के युग में स्मार्ट फोन के बढ़ते उपयोग और मोबाइल ऐप व इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान के नए तरीकों से साइबर धोखाधड़ी बढी है। ऐसे जालसाजों से बचने के लिए ऑनलाइन भुगतान के हर विवरण पर पूरा ध्यान देना चाहिए। उन्होने नागरिकों से किसी तरह के प्रलोभन या बहकावे में न आने का भी आग्रह किया।
साइबर अपराध के तरीके बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहले, ये स्कैमर्स सेकंड हैंड सामान के लिए खरीददार या विक्रेता बनकर लोगों को भुगतान में आसानी के लिए एक क्यूआर कोड भेजकर स्कैन करने के लिए कहते हैं। जैसे ही रिसीवर कोड स्कैन करते हैं उनके खाते से पैसे कट जाते हैं। इसके अतिरिक्त दुकानदारों को भी थोक ऑर्डर की पेशकश के साथ लालच दिया जाता है और बाद में भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड भेजकर धोखा दिया जाता है। बाद में आरोपी सामान भी वितरित नहीं करते।
उन्होंने यूपीआई या अन्य वॉलेट्स द्वारा ऑनलाइन भुगतान करने के लिए एहतियाती उपाय सुझाते हुए कहा कि क्यूआर कोड धन प्राप्ति की बजाय केवल भुगतान के लिए प्रयोग होता है। नागरिकों को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड की स्कैनिंग से बचना चाहिए और संदिग्ध पतों से आई ई-मेल, व्हाट्सएप व टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं देना चाहिए। सतर्कता के साथ, हर व्यक्ति साइबर अपराध को रोककर निर्दोष लोगों को इसका शिकार बनने से रोकने में मदद कर सकता है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का साइबर अपराध घटित हो जाता है तो इसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल नम्बर 1930 या वेब पोर्टल https//www.cybercrime.gov.in पर या नजदीक पुलिस थानों/प्रत्येक थाना में स्थापित की गई साइबर डेस्क, साइबर थाना रोहतक में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है।