रोहतक : एक अच्छे चिकित्सक होने के साथ- साथ हमारे अंदर नैतिकता और मानवीयता का होना बहुत जरूरी है तभी हम सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक बन सकते हैं। शिक्षक होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि हम विद्यार्थियों को नैतिकता और मानवीयता का पाठ भी पढांए ताकि वें आगे जाकर समाज की सेवा कर सकें। यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल का। वें सोमवार को मेडिकल एजुकेशन विभाग के तीन वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए थे।
इस अवसर पर रीजनल सेंटर के तीन वर्ष होने पर केक काटते हुए कुलपति डाॅ. एच.के. अग्रवाल ने एमईयू से आज तक के सफर में डाॅ. सुजाता सेठी के साथ एक टीम की तरह कार्य करने वाले डाॅ. कुंदन मित्तल, डाॅ. प्रशांत कुमार, डाॅ. राकेश मित्तल, डाॅ. आशुमा सचदेवा, डाॅ. उमेश यादव, डाॅ. आरती, डाॅ. पूजा को बधाई देते हुए कहा कि उनकी कठिन मेहनत का ही परिणाम है कि आज यह विभाग उन्नति के शिखर की तरफ बढ रहा हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक यहां हरियाणा व अन्य प्रदेशों की 759 फैकल्टी को ट्रेनिंग प्रदान की जा चुकी है जोकि आगे अन्य फैकल्टी को ट्रेनिंग देने का भी कार्य कर रही है।

निदेशक डाॅ.एस.के. सिंघल ने कहा कि आज का दिन बड़े ही गर्व का दिन है कि रीजनल सेंटर के आज पूरे तीन साल हो गए हैं। यह सभी के द्वारा एक टीम के रूप में कार्य करने से ही संभव हो पाया है। डाॅ. सिंघल ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में यह विभाग ऊंचाइयों को छुएगा।
डीन डाॅ. कुलदीप लालर ने कहा कि डोम की शुरुआत में काफी कठिनाईयां आई थी लेकिन कुलपति डाॅ.एच.के.अग्रवाल ने एक स्तंभ की तरह खडे होकर इस विभाग को मजबूत बनाया, जिसका परिणाम आज सभी के सामने है।
चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. कुंदन मित्तल ने हम सभी शिक्षकों को मेडिकल एजुकेशन के विभिन्न कोर्स में हिस्सा लेना चाहिए और अपने जूनियरों को भी इसमें हिस्सा दिलवाना चाहिए ताकि उन्हें एनएमसी में आई नई चीजों से अवगत होने का अवसर मिले। डाॅ. कुंदन मित्तल ने कहा कि उन्हें काफी खुशी है कि वें इस टीम का सदस्य है और यह विभाग डाॅ. सुजाता सेठी के मार्गदर्शन में नित नए आयाम स्थापित करेगा।
डाॅ. सुजाता सेठी ने कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि यह किसी एक व्यक्ति का कार्य नहीं है सभी के सहयोग से संस्थान को आज इतनी बडी उपलब्धि मिली है। उन्होंने कहा कि डिपार्टमेंट आफ मेडिकल एजुकेशन का प्रयास रहेगा कि रीजनल सेंटर के अंतर्गत आने वाले संस्थानों के अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाए।
मंच का संचालन डाॅ. प्रशांत कुमार ने किया। डाॅ. उमेश यादव ने एमईयू से डोम बनने तक के सफर के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर डाॅ. प्रशांत कुमार, डाॅ. राकेश मित्तल, डाॅ. आशुमा सचदेवा, डाॅ. उमेश यादव, डाॅ. आरती, डाॅ. पूजा सहित दर्जनों चिकित्सक उपस्थित रहे।