रोहतक में पीजीआई छात्रों ने भिवानी से निवर्तमान विधायक एवं बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम शराफ, तोशाम से बीजेपी प्रत्याशी श्रुति चौधरी, इंदु शर्मा (AAP), एवं कांग्रेस व सीपीआई (एम) के सांझा उम्मीदवार कॉमरेड ओमप्रकाश को एमबीबीएस बॉन्ड कम लोन पॉलिसी वापस करने का ज्ञापन सौंपा है। कॉमरेड ओमप्रकाश इस मुद्दे को वर्ष 2022 में भी उठा चुके हैं। विद्यार्थियों का मुद्दा प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों से एमबीबीएस बॉन्ड कम लोन पॉलिसी वापस लिए जाने की मांग को चुनावी घोषणा पत्रों में शामिल करने के लिए मुहीम जारी की हुई है। नीट में रैंक के बावजूद हरियाणा में एमबीबीएस के लिए लोन का बोझ नहीं चाहते छात्र।
हरियाणा के सरकारी व सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस विद्यार्थियों ने मांग की है कि हरियाणा की एमबीबीएस बॉन्ड कम लोन पॉलिसी वापस ली जाए। पॉलिसी में एनईईटी (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा में टॉप रैंक लाकर एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी) में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को लोन के बोझ तले डाला जा रहा है।
छात्र पंकज ने कहा कि इस बोझ से हरियाणा के होनहार विद्यार्थी दूसरे राज्यों से एमबीबीएस की पढ़ाई करने को मजबूर हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से 21 दिसंबर 2022 को जारी पॉलिसी बॉन्ड नहीं बल्कि लोन पॉलिसी है। इसमें आईडीबीआई बैंक 25 लाख रुपये की राशि का लोन (लड़कों के लिए) और 23 लाख रुपये की राशि का लोन (लड़कियों के लिए) देगा। यह लोन विद्यार्थियों को कतई मंजूर नहीं है। ऐसी व्यवस्था देश के किसी अन्य राज्य में नहीं है।
2022 में विद्यार्थियों और रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के समय नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इस पॉलिसी को वापस करने का वायदा किया था। छात्रों की प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील है की पॉलिसी को पूर्ण रूप से निरस्त करें और अपने घोषणा पत्रों में इसको शामिल करें।