Rohtak News : हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम मांगे राम व मीना कुमारी ने जिला में स्थित बाल देखरेख संस्थान चौ0 लखी राम आर्य जगन्नाथ आश्रम के परिसर में बैठक की।
आयोग के सदस्यों ने स्कूल व चौपालों में पॉक्सो से संबंधित ज्यादा से ज्यादा जागरूकता कैंप लगाने बारे निर्देश दिए ताकि आम जनता को जागरूक किया जा सके।
आयोग के सदस्य मांगे राम ने बताया कि पोक्सो अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय भारत सरकार द्वारा अधिनियमित यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 बच्चों को यौन शोषण से सुरक्षा प्रदान करता है। पोक्सो अधिनियम 2012 में त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विशेष न्यायालयों की स्थापना का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त अधिनियम के अनुसार विशेष न्यायालय द्वारा अपराध का संज्ञान लेने के तीस दिन के भीतर बच्चे का साक्ष्य दर्ज किया जाएगा और विशेष न्यायालय यथासंभव अपराध का संज्ञान लेने की तिथि से एक वर्ष की अवधि के भीतर सुनवाई पूरी करेगा। बच्चों के साथ यौन अपराध करने वालों के लिए मृत्युदंड कठोर दंड लागू करने हेतु, अपराधियों को रोकने और बच्चों के खिलाफ ऐसे अपराधों को रोकने के उद्देश्य से, 2019 में अधिनियम में संशोधन किया गया था।
इसके अतिरिक्त आयोग के सदस्यों ने बाल विवाह अधिनियम के बारे में सभी उपस्थित सदस्यों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम बाल विवाह को अपराध घोषित करता है और इसको रोकने के लिए कानूनी प्रावधान भी है। अधिनियम बाल विवाह के पीड़ितों को सुरक्षा और सहायता प्रदान करने के उपाय भी करता है। यह अधिनियम बाल विवाह में शामिल होने वाले व्यक्तियों को दंडित करने का प्रावधान करता है, जिसमें माता-पिता, विवाह कराने वाले पंडित या मौलवी, और अन्य शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह, संरक्षण अधिकारी मोनी, संरक्षण अधिकारी पूनम, आउटरीच वर्कर अमित कुमार, रेनू रानी व विपिन ग्रेवाल, बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा आशा रानी व घरेलू हिंसा अधिकारी कर्मिंदर कौर, एमडीडी के समन्वयक सुभाष, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी मंजू तथा सिविल सर्जन कार्यालय के अधिकारी उपस्थित रहे।