Rohtak News : उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने किसानों का आह्वान किया है कि वे गेहूं की फसल काटने उपरांत अवशेषों में आग न लगाए। ऐसा करने से आमजन के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ते है। जिला प्रशासन द्वारा ग्राम, खंड व जिला स्तर पर निगरानी कमेटियों का गठन भी किया गया है।
पांच हजार रुपए से लेकर 30 हजार रुपए तक जुर्माना
यदि कोई किसान मौके पर फसल अवशेष को आग लगाते पाया गया तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषी किसान पर पांच हजार रुपए से लेकर 30 हजार रुपए प्रति घटना की दर से पर्यावरणीय प्रतिकर लगाया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा है कि जिला में रबी 2024-25 के दौरान फसलों की कटाई का कार्य जारी है। किसान जाने-अनजाने फसल कटाई के उपरांत फसल अवशेषों में आग लगा देते है, जिससे उठने वाले धुएं से स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां फैलती है तथा पर्यावरण दूषित होता है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जिला में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग व अन्य विभागों की ग्राम, खंड व जिला स्तर पर निगरानी कमेटियों का गठन किया गया है, जो गंभीरता से फसल अवशेषों में आगजनी की घटनाओं की निगरानी कर रही है। यदि कोई किसान मौके पर आगजनी करता पाया गया तो दोषी किसान के विरुद्ध पॉल्युशन प्रोटेक्शन एक्ट 1986 व अन्य के तहत कार्रवाई की जाएगी तथा दोषी किसान वर्तमान सीजन तथा आगामी 2 सीजन तक अपने फसल उत्पाद मंडी में नहीं बेच पाएगा। इसके अलावा ऐसा किसान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही विभिन्न किसान लाभकारी योजनाओं का लाभ भी प्राप्त नहीं कर पाएगा।
रोहतक जिले में अवशेष जलाने से संबंधित चार लोकेशन प्राप्त हुई है
कृषि उप निदेशक डॉ. सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि अब तक इस वर्ष जिला में अवशेष जलाने से संबंधित चार लोकेशन प्राप्त हुई है, जिनमें 2 घटनाए गांव बालंद व एक-एक घटना गांव करौंथा व चांदी से प्राप्त हुई है। फसल अवशेष जलाने पर दो एकड़ भूमि तक 5 हजार रुपए प्रति घटना, दो से पांच एकड़ तक 10 हजार रुपए प्रति घटना तथा पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 30 हजार रुपए प्रति घटना की दर से पर्यावरणीय प्रतिकर लगाया जाएगा। किसान अपने खेतों में फसल अवशेषों में आग न लगाएं, बल्कि इनका उचित प्रबंधन करें।