रोहतक : निकाय चुनाव के दौरान प्रत्याशी चुनाव प्रचार हेतु लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम व अन्य साउंड एम्प्लीफायर के प्रयोग के लिए संबंधित निर्वाचन अधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी। अनुमति लेने के उपरांत केवल सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही चुनाव प्रचार में लाउडस्पीकर इत्यादि का प्रयोग किया जा सकता है।
रोहतक के धीरेंद्र खडग़टा ने कहा है कि आयोग की हिदायतों अनुसार चुनाव प्रचार के लिए जनसभा के लिए वाहन पर फीट किये गए या स्थिर स्थिति में लगाये गए पब्लिक एड्रेस सिस्टम अथवा लाउडस्पीकर अथवा अन्य कोई साउंड एम्प्लीफायर का प्रयोग रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नहीं किया जा सकता है। चुनाव प्रचार अथवा जनसभा अथवा जुलूस के लिए चलते वाहनों या स्थिर स्थिति में प्रयोग किये जा रहे सभी लाउडस्पीकर का प्रयोग केवल सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक किया जा सकता है। सभी राजनीतिक दल, उम्मीदवार तथा अन्य व्यक्ति को ट्रक, टैम्पो, कार, टैक्सी, वैन, तिपहिया स्कूटर, साइकिल रिक्सा इत्यादि वाहनों पर लगाये गए लाउडस्पीकर के बारे में सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन संख्या की जानकारी संबंधित अधिकारी को अनुमति प्राप्त करने के लिए देनी होगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी धीरेंद्र खडग़टा ने कहा है कि सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों व अन्य व्यक्तियों को संबंधित निर्वाचन अधिकारी से वाहनों या स्थिर स्थिति में प्रयोग किये जाने वाले लाउडस्पीकर की अनुमति लेनी होगी। स्थानीय पुलिस अथॉरिटी को लाउडस्पीकर के प्रयोग से पहले संबंधित अनुमति का पूर्ण विवरण लिखित में देना होगा। मोबाइल लाउडस्पीकर के मामले में वाहन का पंजीकरण संख्या को रिटर्निंग अधिकारी तथा स्थानीय पुलिस अथॉरिटी के पास भी दर्ज करवाना होगा।
बिना अनुमति अथवा अनुमति में वर्णित घंटों के अलावा लाउडस्पीकर का प्रयोग करने पर अधिकृत अथॉरिटी द्वारा लाउडस्पीकर जब्त कर लिया जायेगा। मतदान समाप्ति से 48 घंटे पूर्व वाहन पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति प्रदान नहीं की जायेगी।
प्रकाशक और मुद्रक के विवरण के बिना चुनाव सामग्री का न करें प्रकाशन
उपायुक्त ने कहा है कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए के प्रावधानों के अनुसार प्रकाशक व मुद्रक के नाम व पता के बिना चुनाव प्रचार सामग्री का प्रकाशन नहीं किया जा सकता है। चुनाव प्रचार सामग्री प्रकाशित करने के लिए आयोग की सभी हिदायतों का पालन करना अनिवार्य है। चुनाव प्रचार सामग्री का प्रकाशन करते समय प्रकाशक को न केवल अपनी पहचान देनी होगी बल्कि हस्ताक्षर के साथ उन दो लोगों से सत्यापन भी कराना होगा, जो उसे व्यक्तिगत रूप से जानते हों। अगर पम्पलेट अथवा पोस्टर राज्य की राजधानी में छापा जाता है तो मुद्रक को एक तर्क संगत समय में छापे गये कागजात की प्रति मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजनी होगी। यदि जिला में छपाई की जाती है तो उस स्थिति में कागजात की प्रति जिला मजिस्ट्रेट को प्रेषित करनी होगी। इसी प्रकार से अगर प्रकाशित किये गये पोस्टर अथवा पम्पलेट की फोटो प्रतियां की जाती है तो उसे छपाई की श्रेणी में ही शामिल किया जाएगा बशर्ते वह हाथ से न लिखी गई हो।
उन्होंने कहा कि चुनाव पम्पलेट व पोस्टर का अर्थ वह प्रकाशित पम्पलेट, हैंडबिल या अन्य कागजात है, जो प्रत्याशी अथवा प्रत्याशियों के समूह को प्रोत्साहित करने के लिए वितरित किया जाता है लेकिन इसमें चुनाव की बैठक की तिथि, समय, स्थान व अन्य विवरण या चुनाव एजेंटों को दिए जाने वाले निर्देशों के लिए तैयार किए गए प्ले कार्ड अथवा पोस्टर को इसमें शामिल नहीं किया जायेगा। यदि कोई मुद्रक या प्रकाशक उपरोक्त निर्देशों की अवहेलना करता है या इनकी अनुपालना नहीं करेगा तो इसे गंभीर माना जायेगा और उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।