रोहतक : केंद्र की तरफ से स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के लिए 9500 अंक तय किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 5705 के करीब 60 प्रतिशत अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस, 2500 के करीब 26 प्रतिशत अंक सर्टिफिकेशन और 1295 के करीब 14 प्रतिशत अंक जनभागीदारी के तय हैं। कचरा व मलबा निस्तारण का कार्य सर्विस लेवल प्रोग्रेस में आता है। निगम की तरफ से कचरा निस्तारण के लिए भिवानी रोड पर प्लांट लगा रखा है, जबकि सुनारियां के पास जेल रोड पर मलबा ठिकाने लगाने के लिए डंपिंग पाइंट बनाया गया है।
लेकिन यहां पर अस्पतालों से निकलने वाला कचरा डाला जा रहा है। ऐसे में आवागमन करने वाले लोग बदबू से काफी परेशान हो चुके है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 को लेकर नगर निगम परेशान है। निगम ने गुरुग्राम की तर्ज पर घर से निकलने वाले मलबे (निर्माण के दौरान) को ठिकाने लगाने का निर्णय लिया है। मकान मालिक खुद निगम की ओर से तय की गई जगह पर मलबा डालकर आएंगे या निगम को प्रति किलोमीटर के हिसाब से फीस देंगे। निगम पता लगा रहा है कि मलबे का दोबारा कैसे प्रयोग किया जा सकता है।

गुरुग्राम की तर्ज पर बनेगा प्रोजेक्ट
घरों से निकलने वाले मलबे को ठिकाने लगाने के लिए गुरुग्राम की तर्ज पर नगर निगम प्लान तैयार करेगा। सबसे पहले तो इसमें जनभागीदारी होनी चाहिए। आम लोगों से अपील की जाए कि वे मलबा घर के बाहर गली या सड़क पर डालने के बजाय निगम की ओर से तय की गई जगह जेल रोड पर डालें। अगर नहीं डाल सकते हैं तो निगम को अवगत कराएं। निगम निर्धारित फीस लेकर मलबा उठाएगा। वहां मलबे का ढेर न लगे, इसके लिए निगम पता कर रहा है कि मलबे का दोबारा कैसे प्रयोग किया जा सकता है।
लोग मलबे की जगह डाल रहे घरों का कूड़ा व अस्पताल का कचरा
नगर निगम की तरफ से जेल रोड पर घरों का मलबा डालने के लिए बोर्ड लगाया हुआ है। लेकिन वहां पर देखा जाए तो घरों से निकलने वाला कूड़ा अस्पतालों से निकलने वाला कचरा व फैक्टिरयों से निकलने वाले कचरे को वहां डाला जा रहा है। ऐसे में वहां से रोजाना हजारों लोगों का आवागमन होता है। लेकिन अस्पतालों के पड़ने वाले कचरे के कारण वहां बदबू का माहौल बना हुआ है। ऐसे में लोगों का आने जाने में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोगों को मुंह पर कपड़ा डालकर वहां से निकलना पड़ता है।