रोहतक: जिलाधीश धर्मेन्द्र सिंह ने स्थानीय चौ. लखीराम आर्य जगन्नाथ आश्रम में रह रही पहली बच्ची को पश्चिमी बंगाल के मूल निवासी प्राइवेट कंपनी में कार्यरत दंपती को गोद देकर एक नई शुरुआत की है। उन्होंने दंपती को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी और बच्चे के उज्जवल भविष्य की कामना भी की।
धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि बच्ची को गोद देने की प्रक्रिया किशोर न्याय अधिनियम 2015, किशोर न्याय आदेश नियम (2016) संशोधित 2022, और एडॉप्शन रेगुलेशन 2022 के तहत पूर्ण की गई है, जिसके तहत दंपती ने स्वयं को केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) पोर्टल पर पंजीकृत करवाया था और सम्बंधित दस्तावेज भी अपलोड किए थे। दस्तावेजों की जांच व मिलान का कार्य जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा किया गया। इसके उपरांत नियमानुसार बच्ची को आज गोदनामे के आदेश जारी करते हुए दंपती को पूर्ण रूप से गोद दे दिया गया है।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इस बच्ची व परिवार का लगातार 2 साल तक फॉलोअप किया जायेगा। जिलाधीश ने सभी नागरिकों से अपील की है कि इच्छुक माता-पिता नियमानुसार ही बच्चों को गोद लें। नागरिक किसी भी प्रकार के लोभ-लालच में न आएं और किसी भी दलाल के बहकावे में आने से बचें। किशोर न्याय अधिनियम के तहत गोद लेने की प्रक्रिया को अपनाकर ही बच्चा गोद लें।
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह, संरक्षण अधिकारी पूनम, एडॉप्शन एजेंसी समन्वयक पायल और सामाजिक कार्यकर्ता विशेष सिन्धु भी उपस्थित रहे।