Friday, May 17, 2024
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रोहतक कंज्यूमर कोर्ट ने वाहन पंजीकरण अधिकारी पर लगाया 10 हजार का जुर्माना, जानिए वजह

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रोहतक। रोहतक कंज्यूमर कोर्ट ने दिव्यांग से विशेष वाहन का साढ़े 25 हजार रुपये ज्यादा रोड टैक्स वसूलने पर वाहन पंजीकरण अधिकारी पर 10 हजार रुपये जुर्माना और हर्जाना लगाया है। कोर्ट साथ ही 5 हजार रुपये मानसिक उत्पीड़न व 5 हजार कानूनी खर्च के तौर पर दिए जाने का आदेश दिया गया है। एसडीओ सिविल सह पंजीकरण प्राधिकारी (एमवी) को 9 प्रतिशत ब्याज सहित अतिरिक्त वसूली गई राशि एक माह में वापस करने की हिदायत दी गई है। एमवी का कार्यभार एसडीएम के पास होता है। वहीं, पंजीकरण अधिकारी का कहना है कि साॅफ्टवेयर अपने आप रोड टैक्स तय करता है। इसे चंडीगढ़ से ऑपरेट किया जाता है।

आयोग के रिकाॅर्ड के मुताबिक पीजीआईएमएस स्थित मेडिकल एन्कलेव निवासी सतपाल सिंह ने जून 2022 में आयोग में अर्जी दाखिल की थी कि वह 90 प्रतिशत दिव्यांग है। इसके लिए सिविल सर्जन की तरफ से प्रमाण पत्र जारी किया गया है। जनवरी 2017 को उसने फरीदाबाद से 5 लाख 19 हजार 843 रुपये में एक कार खरीदी। कार को विशेष रूप से डिजाइन करवाया था। कार का पंजीकरण एसडीओ सिविल सह पंजीकरण प्राधिकारी (एमवी) से करवाया। साथ में पंजीकरण अधिकारी को दिव्यांग प्रमाण पत्र भी दिया।

इसके बावजूद गलत तरीके से उससे 61 हजार 500 रुपये रोड टैक्स वसूला गया जबकि हरियाणा परिवहन विभाग 2015 एक्सटेंशन के तहत 5 प्रतिशत रोड टैक्स वसूला जा सकता था। विभाग अधिकतम 36 हजार रुपये तक की छूट दे सकता था। इसके बावजूद शिकायतकर्ता को आरसी जारी होने से पहले रोड टैक्स जमा करने के लिए मजबूर किया गया। उसने अधिकारी से दोबारा टैक्स पर विचार करने के लिए कहा, लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड़ा। ऐसे में याचिका दायर की गई।

आयोग ने याचिका पर विभाग को नोटिस भेजा। जवाब में कहा गया कि विभाग और उच्च प्राधिकारी की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के तहत कार्य करना होगा। यह सही है कि ऑटो गियर शिफ्ट और वाहन की श्रेणी अमान्य गाड़ी है। वाहन पंजीकरण सॉफ्टवेयर परिवहन विभाग के निर्देशानुसार विकसित किया गया था, इसे सॉफ्टवेयर की ओर से स्वीकृत जानकारी के रूप में भरा गया है। ऐसे में विभाग की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई।

आयोग ने जांच में पाया कि जून 2015 में परिवहन विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था, इसके तहत कुछ वाहनों पर कर में छूट प्रदान की गई। अधिसूचना की शर्त संख्या 8 के अनुसार, विकलांग व्यक्तियों (समान अवसर, सुरक्षा) के तहत सक्षम प्राधिकारी प्रमाणित विकलांग व्यक्तियों को रोड टैक्स में 100 प्रतिशत छूट या अधिकतम 36 हजार रुपये तक की छूट दी जाएगी। अधिकार और पूर्ण भागीदारी अधिनियम, 1995 (1996 का केंद्रीय अधिनियम 1) के अनुसार एसडीओ ने शिकायतकर्ता से रोड टैक्स के रूप में 61 हजार 500 रुपये की राशि वसूल की। जब 5 प्रतिशत रोड टैक्स वसूलने का आग्रह किया गया, जबकि विभाग ने 6 लाख तक के वाहन पर 11.38 प्रतिशत रोड टैक्स वसूला।

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग चेयरमैन नगेंद्र सिंह कादियान ने कहा कि विभाग की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इससे साफ था कि विभाग कुछ नहीं कहना चाहता है। 2015 में परिवहन विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया था कि दिव्यांग को छूट मिलेगी। ऐसे में उपभोक्ता के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला दिया गया है।

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