पंजाब में किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच, तरनतारन के शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान एक किसान ने सल्फास निगल कर आत्महत्या का प्रयास किया। किसान को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आपको बता दें कि एमएसपी गारंटी कानून और अन्य मांगों को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।
किसान मोर्चे के दौरान सल्फास खाकर आत्महत्या करने वाले किसान रेशम सिंह का अंतिम संस्कार उनके गांव पहुविंड में किया गया। शुक्रवार देर शाम उनका पार्थिव शरीर पटियाला से उनके गांव लाया गया। शनिवार दोपहर उनके परिवार और मित्रों ने गमगीन माहौल में उन्हें अंतिम विदाई दी।
मौके पर पहुंचे किसान नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा उनकी मांगें मान लेने के बाद अंतिम संस्कार किया गया और उम्मीद है कि सरकार जल्द ही परिवार से किए गए अपने वादों को पूरा करेगी। प्रशासन की ओर से मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने कहा कि वह परिवार की सारी जानकारी लिखित रूप से सरकार को भेज देंगे और सरकार जो भी मुआवजा देगी, वह परिवार तक पहुंचाया जाएगा।
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रेशम सिंह की पत्नी दविंदर कौर ने कहा कि उनका परिवार पूरी तरह से किसान आंदोलन के लिए समर्पित रहा है। दिल्ली आंदोलन के दौरान भी रेशम सिंह गांव के किसानों के एक समूह के साथ कई दिनों तक वहां रहे।
मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन राजवंत सिंह संधू, पूर्व सरपंच इंद्रबीर सिंह पहुविंड, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी जोन अध्यक्ष दिलबाग सिंह पहुविंड, जगीर सिंह, गुरसेवक सिंह, बीरा सिंह ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार तीनों कृषि कानूनों को दोबारा लागू करना चाहती है।