Friday, November 21, 2025
Homeहरियाणारोहतकरेनू भाटिया बोलीं- विनाशकारी हो सकते हैं लिव-इन संबंध; अभिभावकों के साथ...

रेनू भाटिया बोलीं- विनाशकारी हो सकते हैं लिव-इन संबंध; अभिभावकों के साथ गलतियों का सांझा करने में न करें संकोच

रोहतक : हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने छात्राओं से भावनात्मक ब्लैकमेलिंग से बचने का आह्वान करते हुए कहा है कि जीवन में यह समझ लेना चाहिए कि मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलता। चेयरपर्सन गुरुवार को मॉडल टाउन स्थित पीएम कन्या राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में छात्राओं को संबोधित कर रही थी।

उन्होंने कहा कि अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए छात्राओं को कड़ी मेहनत के बलबूते पर आगे बढऩा होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि छात्राएं कभी भी अपने ऊपर किसी को हमदर्दी का हाथ ना रखने देना। उन्होंने कहा कि आयोग के समक्ष अनेक ऐसे मामले हैं जब भावनात्मकता और हमदर्दी की आड़ में लड़कियों व महिलाओं का शोषण किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी कार्य ना करे कि उन्हें पुरुष वर्ग के चंगुल में फंसना पड़े।

मोबाइल फोन का उदाहरण देते हुए महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि यह ऐसा उपकरण है जो ना तो कभी माफ करता है और ना ही भूलता है। पुलिस कई महिनों पुरानी मोबाइल डिटेलस भी निकाल लेती है। उन्होंने छात्राओं को समझाते हुए कहा कि अगर कोई बॉयफ्रेंड आपको एक लाख का मोबाइल फोन गिफ्ट में देता है तो यह समझ लेना की आप गलत दिशा में जा रहे हो, क्योंकि गिफ्ट देने वाले बॉयफ्रेंड के पास भी आय का कोई स्रोत नहीं होता। उन्होंने कहा कि सहेलियां अथवा मित्र बनाने का निर्णय सोच समझ कर ले।

रेनू भाटिया ने कहा कि अक्सर जीवन में गलतियां हो जाती है, लेकिन छात्रों को अपनी गलतियां छुपाने की बजाय अपने अभिभावकों से सांझा करनी चाहिए। अगर अभिभावक को गलतियां सांझा करने में झिझक है तो अपनी अध्यापिका को अवश्य बताएं। अगर गलतियां सांझा नहीं करेंगे तो मामला उलझता ही चला जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे कि जीवन बर्बादी की ओर चला जाए।

रेणु भाटिया ने लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे संबंध अक्सर खतरनाक और विनाशकारी हो सकते हैं।  उन्होंने बताया कि लिव-इन रिलेशनशिप के अंत में अक्सर महिलाओं को धोखा, शारीरिक शोषण और धमकी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप के बारे में महिलाओं को जागरूक करने और उन्हें ऐसे मामलों में मुखर होने के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोग ने लिव-इन-रिलेशनशिप के मामले में हिसार का एक केस दर्ज किया है। इस मामले में प्रभावित पत्नी ने शिकायत दर्ज करवाई है।

शिकायत में बताया गया है कि उसकी शादी हिंदू रीति रिवाज के अनुसार संपन्न हुई थी। लेकिन उसके पति ने दो अन्य महिलाओं के साथ भी लिव-इन-रिलेशन बना रखे हैं। उन्होंने कहा कि लिव-इन-रिलेशन का अंत निश्चित रूप से बुरा है।

साइबर क्राइम के बारे में जागरूक किया

कार्यक्रम में साइबर क्राइम के एसएचओ कुलदीप सिंह ने छात्राओं को साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर इस नंबर पर संपर्क नहीं होता तो 112 डायल किया जा सकता है। अगर दोनों नंबर व्यस्त आते हैं तो ऑनलाइन पोर्टल साइबर पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। पोर्टल पर महिलाओं व बच्चों के अलग से विकल्प दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बिना नाम के भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। इसके अलावा उन्होंने साइबर बुलिंग, साइबर ग्रूमिंग, डिजिटल अरेस्ट व वीडियो एडिटिंग से ब्लैकमेलिंग आदि के बारे में जानकारी दें।

उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए ईमेल पासवर्ड बदलने तथा एम कवच 2 ऐप डाउनलोड करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार नहीं करना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता जगदीश कुमार ने लीगल, पोश व पोक्सो एक्ट के बारे में जानकारी दी। इस दौरान डीएसपी दलिप ङ्क्षसह, करमिन्द्र कौर, एसएचओ मीना, सहायक अंजू व उप जिला शिक्षा अधिकारी मुन्नी व प्राचार्या मीता आदि मौजूद थे।

RELATED NEWS

Most Popular