Friday, March 21, 2025
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छोटे दुकानदारों के लिए राहत : 2 हजार से कम वैल्यू के UPI ट्रांजेक्शन पर अब मिलेगा पैसा; केंद्र सरकार ने योजना को दी स्वीकृति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल बैठक ने कम मूल्य वाले भीम यूपीआई (UPI) लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को स्‍वीकृति दी है।  इस योजना से छोटे कारोबारियों को वित्तीय सहायता मिलेगी।

इस योजना के तहत, भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 1,500 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन राशि की मंजूरी दी गई है।

ये स्‍वीकृति दी है :

  • इस योजना के अंतर्गत केवल छोटे व्यापारियों के लिए 2,000- तक के यूपीआई (पी2एम) लेनदेन को शामिल किया गया है।
  • लघु व्यापारियों की श्रेणी से संबंधित 2,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन मूल्य पर 0.15 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
  • योजना की सभी तिमाहियों के लिए, अधिग्रहण करने वाले बैंकों द्वारा स्वीकृत दावा राशि का 80 प्रतिशत बिना किसी शर्त के वितरित किया जाएगा।
  • प्रत्येक तिमाही के लिए स्वीकृत दावा राशि के शेष 20 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति निम्नलिखित शर्तों पर निर्भर होगी:

स्वीकृत दावे का 10 प्रतिशत केवल तभी प्रदान किया जाएगा जब अधिग्रहण करने वाले बैंक की तकनीकी गिरावट 0.75 प्रतिशत से कम होगी और, स्वीकृत दावे का शेष 10 प्रतिशत केवल तभी प्रदान किया जाएगा जब अधिग्रहण करने वाले बैंक का सिस्टम अपटाइम 99.5 प्रतिशत से अधिक होगा।

यह लाभ होगा

  • डिजिटल फुटप्रिंट के माध्यम से सुविधाजनक, सुरक्षित, त्‍वरित नकदी प्रवाह और ऋण तक बेहतर पहुंच।
  • बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के सहज भुगतान सुविधाओं से आम नागरिकों को लाभ होगा।
  • छोटे व्यापारियों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के यूपीआई सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम बनाना। चूंकि छोटे व्यापारी मूल्य-संवेदनशील होते हैं, इसलिए यह कदम उन्हें यूपीआई भुगतान स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
  • डिजिटल रूप में लेनदेन को औपचारिक बनाने और उसका लेखा-जोखा रखने के माध्यम से यह कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था के सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
  • दक्षता लाभ- 20 प्रतिशत प्रोत्साहन बैंकों द्वारा उच्च सिस्टम अपटाइम और कम तकनीकी गिरावट बनाए रखने पर निर्भर है। इससे नागरिकों को चौबीस घंटे भुगतान सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
  • यूपीआई लेनदेन की वृद्धि और सरकारी खजाने पर न्यूनतम वित्तीय बोझ दोनों का विवेकपूर्ण संतुलन।
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