Ram Gopal Varma: जाने-माने डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा जहां एक तरफ अपनी फिल्म ‘सत्या’ की दोबारा रिलीज का जश्न मना रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनकी मुसीबतें भी बढ़ गई है। कोर्ट ने उन्हें तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है। राम गोपाल वर्मा के खिलाफ 2018 में ‘श्री’ नाम की फिल्म के मामले में केस दर्ज किया गया था।
चेक बाउंस केस में हुई सजा
दरअसल, मुंबई की एक अदालत ने लंबे समय से चल रहे चेक बाउंस मामले में उन्हें सजा सुनाई है। अदालत के इस फैसले से कई सालों से चल रही कानूनी लड़ाई का अंत हो गया है। उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया है।
अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में फैसला सुनाने के लिए 21 जनवरी की तारीख तय की थी, लेकिन सुनवाई के दौरान हाजिर न होने की वजह से चेक बाउंस केस में कोर्ट ने रामगोपाल वर्मा के खिलाफ नॉन वारेंट इश्यू किया है। कोर्ट का ये फैसला उनके नए प्रोजेक्ट ‘सिंडिकेट’ की घोषणा के पहले आया है।
पैसों की तंगी से गुजर रहे हैं डायरेक्टर
कोर्ट ने सेक्शन 138 के तहत राम गोपाल वर्मा को आरोपी माना और इस मामले में शिकायतकर्ता को राम गोपाल की तरफ से 3.72 लाख मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है। बता दें कि 2018 में फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा की कंपनी के खिलाफ मामला दायर किया गया था। राम गोपाल वर्मा कुछ सालों से वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उनकी फिल्में भी कुछ खास परफॉर्म नहीं कर पा रही हैं।
इसके अलावा, उन्हें COVID-19 महामारी के दौरान अपना ऑफिस भी बेचना पड़ा था। इस मामले में, फिल्म निर्माता को व्यक्तिगत पहचान बॉन्ड भरने और 5,000 रुपये की नकद जमानत राशि का भुगतान करने के बाद जून 2022 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। राम गोपाल वर्मा सत्या, रंगीला , सरकार और कंपनी जैसी सफल फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।