Rajasthan News: ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने कहा है कि सीएम भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक देश की अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 500 गीगावाट करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में राजस्थान का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण होने जा रहा है।
नागर गुरुवार को जयपुर में आयोजित राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी कॉन्क्लेव के उदघाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश की कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 222 गीगावाट और सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता लगभग 107 गीगावाट तक पहुंच गई है। इस एनर्जी ट्रांजिशन में राजस्थान अग्रणी भूमिका अदा कर रहा है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अक्षय ऊर्जा एवं सौर परियोजनाओं की स्थापना में राजस्थान देश में प्रथम है। वर्तमान में राजस्थान में 4 हजार 630 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क स्थापित हो चुके हैं और 10 हजार 450 मेगावाट के सोलर पार्क निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान को सोलर उपकरणों के विनिर्माण का हब बनाने के लिए राज्य सरकार निवेशकों को पूरा सहयोग दे रही है।
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने कहा कि देश के पंचामृत लक्ष्यों के तहत वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत पूरा करने के लक्ष्य में राजस्थान बैकबोन की तरह काम करेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान पॉवर सैक्टर इनोवेशन में अन्य राज्यों को भी लीड करेगा।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के पूर्व सचिव एवं नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक दीपक गुप्ता ने कहा कि राजस्थान ने कुसुम बी के तहत ऑफ ग्रिड सोलर पम्प लगाने में बेहतर काम किया है। उन्होंने कहा कि विकेंद्रित सोलर स्थापित करने से ग्रामीण क्षेत्रों में किसान एवं कुटीर उद्योगों को फायदा मिलेगा।
राजस्थान ऊर्जा विकास एवं आई.टी. सर्विसेज लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक ओम प्रकाश कसेरा ने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा की असीमित संभावनाए हैं। इन संभावनाओं को हकीकत में बदलने के लिए इंटीग्रटेड क्लीन एनर्जी पॉलिसी बनाई है। इससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा, बायोमास, वेस्ट टू एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।