Tuesday, March 11, 2025
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Rajasthan News: 35 लाख करोड़ रूपए के एमओयू को धरातल पर उतार रही सरकार

Rajasthan News: उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों से विकसित राजस्थान का सपना साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के साथ-साथ एमओयू को धरातल पर उतारने का कार्य कर रही है। निवेशकों के लिए लालफित्ताशाही की जगह लाल कारपेट बिछाया जा रहा है।

नई नीतियां लाकर हर क्षेत्र में निवेश को सरल एवं सुविधाजनक बनाया गया है। आईटी, एआई, रोबोटिक्स, इन्टरनेट ऑफ थिंग्स आदि आधुनिक क्षेत्रों का सभी उद्योगों में समावेश कर प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया जा रहा है। इस हेतु विशेषज्ञों को जोड़ा जा रहा है एवं कौशल विकास कर युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है।

उद्योग मंत्री सोमवार को विधानसभा में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की (मांग संख्या-56) अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की 11 अरब 96 करोड़ 04 लाख 18 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।

राइजिंग राजस्थान समिट से निवेश हेतु बना माहौल

उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट के माध्यम से प्रदेश में निवेश हेतु 35 लाख करोड़ रूपए के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये है। 2.25 लाख करोड़ रूपए से अधिक से एमओयू का क्रियान्वयन भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस समिट के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान में निवेश हेतु सकारात्मक माहौल तैयार हुआ। उन्होंने कहा कि तुलनात्मक रूप से गत सरकार के दौरान आयोजित इन्वेस्टमेन्ट समिट में 12.50 लाख करोड़ रूपए का निवेश आया।

इसमें से भी केवल 28 हजार करोड़ रूपए के लागत से एमओयू का क्रियान्वयन हो सका। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान हस्ताक्षरित 1 हजार करोड़ रूपए से अधिक एमओयू की प्रगति की मॉनिटरिंग स्वयं मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा लगातार बैठकें लेकर कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी हस्ताक्षरित एमओयू धरातल पर उतरे।

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नई नीतियों से निवेश हुआ आसान

उन्होंने कहा कि निवेशकों की सुविधा हेतु अभिनव पहल करते हुए प्रदेश सरकार विभिन्न नई नीतियां लेकर आई है। इनमें प्रदेश के सर्वांगीण विकास को गति प्रदान करने के लिए राजस्थान एमएसएमई नीति-2024, राजस्थान निर्यात संवर्द्धन नीति, राजस्थान एक जिला एक उत्पाद नीति-2024, एकीकृत क्लस्टर विकास योजना जैसे नवाचार शामिल है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई उद्योग अर्थव्यवस्था का मूलाधार है। यह जीडीपी में निर्यात के 45 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी रखते हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा इसे ध्यान में रखते हुए नई एमएसएमई पॉलिसी लाई गई है। साथ ही एक जिला, एक उत्पाद की नीति को भी वहृद स्तर पर लागू किया जा रहा है। इससे प्रदेश के पारम्परिक एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन मिल रहा है। आज इन नीतियों की देशभर में चर्चा है। इनसे लगातार निवेशक प्रदेश में आ रहे है एवं राइजिंग राजस्थान समिट समापन होने के बाद भी एमओयू साइन करने का क्रम जारी है। उन्होंने कहा कि जहां गत सरकार ने कोई डेटा पॉलिसी ही नहीं बनाई, वहीं उद्योगों हेतु इसकी महत्ता समझते हुए अपने पहले वर्ष में ही हमारी सरकार ने डेटा पॉलिसी लॉन्च की है।

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