Rajasthan News: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में जयपुर जिले में विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभागीय अधिकारियों द्वारा जिले में गिव अप अभियान के तहत अपात्रों द्वारा खाद्य सब्सिडी छोड़ने, खाद्य सुरक्षा पोर्टल के पुनः प्रारंभ होने के उपरांत नए लाभार्थियों के जोड़ने एवं खाद्य सुरक्षा सूची से जुड़ने हेतु लंबित आवेदनों की स्थिति पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया गया।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि बढ़ाई जाने से प्रदेश के करोड़ों खाद्य सब्सिडी धारकों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार लगातार वंचितों को उनका हक दिलाने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे लगातार फील्ड विजिट कर योजनाओं की प्रगति के बारे में फीडबैक ले।
जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में आमजन में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाएं ताकि वे समुचित लाभ ले सकें। आमजन एवं जनप्रतिनिधियों से हर स्तर पर उचित समन्वय स्थापित कर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है की अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे।
गिव अप अभियान के तहत 17.52 लाख लोगों ने छोड़ी खाद्य सुरक्षा, 324 करोड़ रू. की हो रही बचत—
गोदारा ने कहा कि सक्षम लोगों को खाद्य सब्सिडी छोड़ने हेतु प्रेरित करने के लिए गत वर्ष शुरू किए गए गिव अप अभियान के तहत अब तक 17.52 लाख अपात्र लोगों ने खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटवाया है। अपात्रों द्वारा एनएफएसए से नाम हटाने के कारण प्रदेश सरकार को प्रति वर्ष 324 करोड़ रुपए के राजस्व की बचत होगी। साथ ही संपन्न व्यक्तियों द्वारा खाद्य सब्सिडी छोड़ने से बचे हुए अन्न का वंचित पात्रों को खाद्य सुरक्षा देने में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
गोदारा ने कहा कि एनएफएसए से नाम हटवाने वाले संपन्न व्यक्ति मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना का लाभ भी नहीं ले सकेंगे। इससे राज्य सरकार को होने वाली बचत का भी उपयोग वास्तविक हकदारों के कल्याण हेतु किया जा सकेगा। उन्होंने स्वत: खाद्य सब्सिडी नहीं छोड़ने वाले अपात्र लाभार्थियों के विरुद्ध आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिये तथा कहा कि राशन वितरण में अनियमिता बरतने वाले राशन डीलरों पर विभागीय अधिकारी उचित कार्रवाई करें।
—राज्य सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा लाभार्थियों की ई— केवाईसी प्रक्रिया करवाई गई प्रभावी रूप से संपन्न—
गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खाद्य सब्सिडी हेतु लाभार्थियों की ई—केवाईसी की प्रक्रिया संपन्न करवा ली गई है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा 10 वर्ष आयु तक के एवं 70 वर्ष से अधिक आयु के लाभार्थियों को ई—केवाईसी की बाध्यता से मुक्त रखने का संवेदनशील निर्णय लिया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए जिन लाभार्थियों ने गत 31 मार्च तक ई—केवाईसी सम्पन्न नहीं करवाई, उनका नाम भी एनएफएसए से हटाया गया है। ई—केवाईसी नहीं करवाने के कारण 27 लाख से अधिक लाभार्थियों का नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटाया गया है। इससे बचने वाले अन्न का उपयोग नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा सूची से जोड़कर लाभान्वित करने में किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा पोर्टल के पुनः प्रारंभ होने के बाद जुड़े 19.70 लाख नए लाभार्थी—
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कर कमलों से इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर खाद्य सुरक्षा पोर्टल को पुनः प्रारंभ किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य खाद्य सुरक्षा से वंचित सभी पात्र लाभार्थियों को एनएफएसए से जोड़ना था। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अब तक 19.70 लाख नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया है। इसी प्रकार गत वर्ष 12.95 लाख नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया था। वर्तमान सरकार द्वारा अपने कार्यकाल में अब तक लगभग 33 लाख नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा जा चुका है। साथ ही इन लाभार्थियों को मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना के तहत 450 रुपए में सिलेंडर तथा मां योजना के तहत नि:शुल्क उपचार से लाभान्वित किया जा रहा है। यह राज्य सरकार की वंचित वर्गों के कल्याण हेतु प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।