2024 में भारतीय रेलवे (IR) ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की, लेकिन सुरक्षा और कार्यबल की कमी जैसी समस्याओं ने इसकी प्रतिष्ठा को प्रभावित किया। रेल मंत्रालय ने अपनी सफलता का जश्न मनाया, जिसमें बुनियादी ढांचे की महत्वपूर्ण प्रगति, नई ट्रेन सेवाओं और आधुनिक तकनीकों का समावेश हुआ। रेलवे ने 62 नई वंदे भारत ट्रेनों, 4 अमृत भारत एक्सप्रेस, और अहमदाबाद-भुज के बीच पहली नमो भारत रैपिड रेल सेवा का शुभारंभ किया। इसके अलावा, 6,450 किलोमीटर ट्रैक के नवीनीकरण के साथ-साथ, ट्रेनें अब 130 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से दौड़ने लगीं।
हालांकि, सुरक्षा से जुड़ी समस्याएँ लगातार बनी रहीं। पिछले वर्ष 70 से अधिक पटरी से उतरने की घटनाएँ हुईं, जिनमें अगरतला-सियालदह कंचनजंगा एक्सप्रेस की टक्कर और झारखंड में एक यात्री ट्रेन का मालगाड़ी से टकराना प्रमुख थे। इन घटनाओं ने रेलवे की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों पर सवाल उठाए। इसके अलावा, अपर्याप्त कार्यबल भी एक बड़ी चुनौती बना रहा, जिससे रेलवे के संचालन में कठिनाइयाँ आ रही थीं।
रेल मंत्रालय ने 2024 के अंत में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1,337 स्टेशनों में से 1,198 के पुनर्विकास की जानकारी दी। इसके साथ ही, उन्नत ट्रेन सुरक्षा प्रणाली “कवच 4.0” की शुरुआत भी की गई। मंत्रालय ने कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को भी सुव्यवस्थित करने के लिए एक वार्षिक भर्ती कैलेंडर पेश किया। इन प्रयासों के बावजूद, सुरक्षा, कार्यबल की कमी और अन्य चुनौतियाँ रेलवे के विकास की गति को धीमा कर रही हैं।