Friday, September 20, 2024
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चंडीगढ़ में अब पंजाबी मातृभाषा को मिलेगा सम्मान, पंजाबी में लिखे जाएंगे बोर्ड

चंडीगढ़, गाँवों को उजाड़कर बसाया गया शहर चंडीगढ़, जिसकी खूबसूरती की हर कोई तारीफ करता है, लेकिन जब हम इस शहर में पंजाबी भाषा देखते हैं तो इसे नकारात्मक नजरिए से देखते हैं। किसी भी स्थान के ऊपर पंजाबी भाषा में कोई बोर्ड नजर नहीं आता।

इस बात को ‘पंडित राऊ धनेवर’ ने उठाया था, जिन्होंने इस संबंध में चंडीगढ़ में पुलिस प्रशासन को कुछ पत्र लिखे थे और कानून का हवाला दिया था, जिसके बाद इस मामले पर कार्रवाई शुरू हुई और अब आप चंडीगढ़ में पुलिस स्टेशनों के बोर्ड बदल रहे दिखाई दे रहे हैं।

पंडित राव धनेवर ने न सिर्फ थाने बल्कि चंडीगढ़ के बैंकर्स को भी पत्र लिखे, जिसका नतीजा सबके सामने था। सेक्टर 17 यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से लेकर चंडीगढ़ तक के पुलिस स्टेशन ही नहीं बल्कि डीजीपी और चंडीगढ़ पुलिस मुख्यालय के ठीक ऊपर पंजाबी भाषा में लिखा हुआ है।

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यह सब पंडित राऊ धनेवार की कड़ी मेहनत के कारण संभव हुआ, उनके द्वारा एक आरटीआई दायर की गई थी जिसमें केंद्र सरकार ने कहा था कि चंडीगढ़, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में, उस क्षेत्र की भाषा लिखना नंबर एक काम है और नंबर से ऊपर है। दो नंबर के ऊपर हिंदी और तीसरा अंग्रेजी भाषा दिखाई देगी।

इस आरटीआई के संदर्भ में पंडित राऊ ने आगे का काम शुरू किया। पंडित राव का कहना है कि वह अपना अभियान जारी रखेंगे और जहां पंजाबी नहीं लिखी जाती वहां भी पंजाबी को सम्मान दिया जाएगा।

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