Tuesday, December 24, 2024
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Punjab, 1992 में झूठी पुलिस मुठभेड़ में दो युवकों की हत्या, तीन पुलिसकर्मी दोषी

Punjab, 1992 के एक और मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को मोहाली स्थित सीबीआई कोर्ट ने दो युवकों का अपहरण कर फर्जी पुलिस मुठभेड़ में हत्या करने और अज्ञात बताकर शव का अंतिम संस्कार करने के मामले में पूर्व एसएचयू समेत तीन पुलिसकर्मियों को दोषी पाया है। आरोपियों को मंगलवार को सजा सुनाई जाएगी। यह मामला विशेष सीबीआई न्यायाधीश राकेश गुप्ता की अदालत में विचाराधीन था।

सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सिटी तरनतारन पुलिस स्टेशन के तत्कालीन प्रभारी गुरबचन सिंह, एएसआई रेशम सिंह और पुलिसकर्मी हंस राज सिंह को धारा 302 और 120बी के तहत दोषी पाया। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेजने का निर्देश जारी किया है। तीनों आरोपियों को मंगलवार को सीबीआई कोर्ट सजा सुनाएगी। इस मामले की सुनवाई के दौरान दिसंबर 2021 में आरोपी पुलिस अधिकारी अर्जुन सिंह की मृत्यु हो गई और उनके खिलाफ कार्यवाही रोक दी गई।

सीबीआई द्वारा अदालत में दायर की गई चार्जशीट के अनुसार, जगदीप सिंह उर्फ ​​​​मखन का अपहरण एसएचयू गुरबचन सिंह के नेतृत्व में पुलिस पार्टी ने किया था। अपहरण से पहले पुलिस ने घर में फायरिंग की और गोली लगने से मक्खन की सास सविंदर कौर की मौत हो गई।

ये घटना 18 नवंबर 1992 की है। इस प्रकार गुरनाम सिंह उर्फ ​​पाली को 21 नवंबर 1992 को एसएचयू गुरबचन सिंह और अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा उनके घर से अपहरण कर लिया गया था। 30 नवंबर 1992 को गुरबचन सिंह के नेतृत्व में पुलिस दल ने एक फर्जी मुठभेड़ में इन दोनों युवकों को मार डाला।

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इस संबंध में पंजाब पुलिस ने एफआईआर नंबर 130/92 दर्ज की, जिसमें कहा गया कि 30 नवंबर 1992 की सुबह उनकी पुलिस पार्टी जिसमें एसएचयू गुरबचन सिंह गश्त कर रहे थे, ने एक युवक को कार में घूमते देखा और गिरफ्तार कर लिया। तरनतारन के नूर अड्डा के पास संदिग्ध हालात में युवक। युवक ने अपनी पहचान गुरनाम सिंह उर्फ ​​पाली बताई।

पूछताछ के दौरान, उसने रेवल रोड टीटी और दर्शन सिंह के प्रोविजन स्टोर पर हथगोले फेंकने की बात स्वीकार की। जब पुलिस कथित तौर पर छिपाए गए हथियारों को बरामद करने के लिए गुरनाम सिंह पाली को बिहाला बाग में लाई, तो बाग में मौजूद आतंकवादियों ने पुलिस पार्टी पर गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस बल ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की। गुरनाम सिंह उर्फ ​​पाली बचने के इरादे से गोलियों की दिशा में भागा लेकिन क्रॉस फायरिंग में मारा गया।

उक्त एफ.आई.आर. यह दिखाया गया है कि बगीचे की तलाशी लेने पर, आतंकवादी का शव भी बरामद किया गया, जिसकी पहचान जगदीप सिंह उर्फ ​​माखन के रूप में हुई, जो पुलिस पार्टी पर हमला करने वाली टीम का हिस्सा था। दोनों के शवों का श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। गौरतलब है कि मृतक जगदीप सिंह मक्खन पंजाब पुलिस में कांस्टेबल था और मृतक गुरनाम सिंह पाली पंजाब पुलिस में एसपीओ था।

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