पंजाब, रोपड़ की डिप्टी कमिश्नर प्रीति यादव ने आज बड़ी संख्या में लोगों की समस्याएं सुनीं और उनके समाधान का आश्वासन भी दिया। जहां उन्होंने किसानों से बातचीत करने के लिए बिछाई गई सड़क पर बैठकर लोगों की समस्याओं और परेशानियों के बारे में जानकारी हासिल की।
उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी गयी। इस मौके पर उपायुक्त ने नदी किनारे किसानों के साथ बैठकर उनकी फसल के बारे में जानकारी ली कि इस बार फसल कैसी है, फसल को कोई नुकसान तो नहीं हुआ है।
उपायुक्त के साथ किसानों की बातचीत के दौरान सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले किसानी सांडा के बारे में भी चर्चा हुई, जिसमें किसानों को समितियों में उपलब्ध चीजों का लाभ मिल रहा है या नहीं, इसका भी आकलन किया गया।
किसानों ने किसान पंचायतों को धन्यवाद दिया जिन्होंने पिछले साल पराली को आग नहीं लगाई क्योंकि जलाने से पर्यावरण प्रदूषण होता है। उपायुक्त ने कहा कि वह इन पंचायतों के आभारी हैं जो पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रशासन व सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
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जीरो पराली जलाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए डिप्टी कमिश्नर प्रीति यादव ने गांव समरौली, कैनोर, बारा समाना, अमराली, चलाकी और दमछेड़ी ब्लॉक मोरिंडा में किसानों से खाद, बीज, सब्सिडी वाली कृषि मशीनरी और पराली न जलाने सहित अन्य कठिनाइयों के बारे में चर्चा की। हो गया इस मौके पर मुख्य कृषि अधिकारी पंकज सिंह भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर उन्होंने किसानों से विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि यह सतही बुआई तकनीक ही एकमात्र ऐसी तकनीक है जिससे धान की कटाई के बाद बिना पराली जलाए, बिना देर किए, कम खर्च करके तथा बिना बड़ी मशीनरी का प्रयोग किए गेहूं की बुआई की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा कई वर्षों की जांच के बाद जीरो टिल ड्रिल हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, स्मार्ट सीडर और सरफेस सीडर नामक मशीनें विकसित की गई हैं, जिनसे सुपर एसएमएस कंबाइन के बाद धान की कटाई की जाती है और गेहूं की कटाई और सीधी बुआई की जा सकती है।