Punjab News: मलोट मंडी व इसके साथ लगते 54 खरीद केंद्रों में गेहूं की आवक जोरों पर है, लेकिन गेहूं का उठान धीमा होने के कारण मंडियों में गेहूं के गोदाम बनते जा रहे हैं। मार्केट कमेटी के चेयरमैन जशन बराड़ ने बताया कि अब तक मंडियों में 1264450 क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है, जबकि 1143690 क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है।
हालांकि 306,000 क्विंटल गेहूं में से 26% गेहूं पहले ही मंडियों से उठा लिया गया है, लेकिन सबसे ज्यादा मार एफसीआई मजदूरों पर पड़ रही है, क्योंकि वे कम घंटे काम करते हैं, जबकि सीजन के दौरान दिन-रात काम करना भी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा ट्रक एफसीआई के गोदामों में खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह समस्या बाहरी राज्यों से श्रमिकों की कमी के कारण है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि श्री मुक्तसर साहिब के डिप्टी कमिश्नर ने कुछ दिनों के लिए गेहूं की ढुलाई बंद कर दी है, जिसके चलते गेहूं की ढुलाई के लिए ट्रैक्टर, ट्रालियां और ट्रकों का प्रयोग किया जाएगा तथा लिफ्टिंग के काम में तेजी लाकर इस समस्या का समाधान किया जाएगा।
अप्रेंटिसशिप के लिए आईटीआई पास उम्मीदवार 15 मई तक करें ऑनलाइन आवेदन
इस संबंध में ट्रक यूनियन के अध्यक्ष एवं सरपंच सुखपाल सिंह चौहान ने बताया कि उनके 350 से अधिक ट्रक गेहूं की ढुलाई में लगे हुए हैं, लेकिन उन्होंने एफसीआई की लेबर को भी मुख्य कारण बताया, क्योंकि ट्रक कई-कई दिन खड़े रहते हैं और एफसीआई के गोदामों में ट्रक कई-कई दिन खड़े रहते हैं। ट्रक मालिकों को जहां यह घाटे का सौदा लग रहा है, वहीं मंडियों में गेहूं भी जमा हो रहा है, जिससे मुश्किलें बढ़ रही हैं।
इस संबंध में आढ़ती वरिंदर मक्कड़ ने बताया कि इस बार बाहरी राज्यों से मजदूर न आने के कारण गेहूं की लिफ्टिंग का काम मुश्किल हो गया है और आढ़तियों व किसानों को भी इस संबंध में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब यहां गेहूं की कटाई का काम रोजाना किया जा रहा है, क्योंकि इसके बाद बाहरी राज्यों से मजदूर मिलना मुश्किल लग रहा है।