Punjab News: राज्य में शिक्षा के मानक को बनाए रखने के लिए कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने आज सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़के), गुरदासपुर (परीक्षा केंद्र-241251) में अधीक्षक और निरीक्षक के रूप में तैनात दो शिक्षकों को कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी मामले में शामिल होने के लिए निलंबित कर दिया।
विभाग द्वारा यह सख्त कार्रवाई पंजाब स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के निर्देश पर की गई है। बैंस ने बताया कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की फ्लाइंग स्क्वायड टीमों ने सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़के), गुरदासपुर में परीक्षा प्रोटोकॉल के गंभीर उल्लंघन का पर्दाफाश किया है।
उल्लेखनीय है कि 17 मार्च को आयोजित 10वीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा के दौरान फ्लाइंग स्क्वायड ने पाया कि निरीक्षक किरणदीप कौर, जो हिंदी की अध्यापिका हैं, विद्यार्थियों की मदद के लिए अपने मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप के माध्यम से प्रश्नों के उत्तर मांग रही थीं। परीक्षा प्रणाली का यह स्पष्ट उल्लंघन परीक्षा केंद्र अधीक्षक, अश्विनी कुमार, जो कि एक व्याख्याता हैं, की कर्तव्यहीनता के कारण हुआ, जिन्होंने लापरवाही से परीक्षा हॉल के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा, “हमारी सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और हमारी परीक्षा प्रणाली की गरिमा और पवित्रता को बनाए रखने के अपने मिशन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” उन्होंने कहा कि इस तरह के उल्लंघन और अनियमितताओं को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान वे जिला शिक्षा अधिकारी, गुरदासपुर को रिपोर्ट करेंगे, जहां दोनों निलंबित शिक्षकों का मुख्यालय स्थापित किया गया है।
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स्कूल शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अतिरिक्त विशेष टीमें बनाकर तथा उड़नदस्तों की संख्या बढ़ाकर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि ऐसी कुप्रथाओं को पूरी तरह समाप्त किया जा सके तथा परीक्षाएं पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से आयोजित की जा सकें।
शिक्षा मंत्री बैंस ने आगे कहा, ‘‘मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार एक ऐसा शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां केवल योग्यता ही सफलता निर्धारित करती है।’’ उन्होंने आगे कहा कि इस सिद्धांत से किसी भी तरह से विचलित होने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।